* बस्तर संभाग के D M F अतिथि शिक्षक अपनी जॉब सुरक्षा के लिए मिले बस्तर सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से *,,,,,,,,,,,,,,,,,*आर, एल, कुलदीप की रिपोर्ट*
छत्तीसगढ़: रायपुर ::::::::::::::बस्तर संभाग सहित छतीसगढ़ के कुछ जिलों में विषय विशेषज्ञों एवं शिक्षकों की कमी को देखते हुये शिक्षा सत्र 2014 से बस्तर में अतिथि शिक्षक की भर्ती किया गया है ।
अतिथि शिक्षक बस्तर संभाग में अलग अलग जिले जैसे नारायणपुर /कांकेर /दंतेवाड़ा /मुंगेली में अतिथि शिक्षक कोंडागांव में ट्यूटर बस्तर जिले में शिक्षण सेवक ,सुकमा एवं बीजापुर में शिक्षा दूत ,बीजापुर में शिक्षा मितान एवं कृषि शिक्षक के नामो से जाना जाता है।
अतिथि शिक्षक बस्तर के अति दुर्गम , बीहड़ एवं सुदूरवर्ती इलाकों में अल्प मानदेय में अपना सेवा दे रहे थे।
अतिथि शिक्षक हिन्दी के साथ साथ DMF अतिथि शिक्षक गोंडी ,हल्बी ,भतरी एवं माड़िया भाषा बोली में पढ़ाई करवाते हैं जो कि बच्चों के लिए काफी मददगार साबित हो रहीं हैं ।
वर्तमान में राज्य सरकार के द्वारा शिक्षकों के भर्ती किये जाने से अधिकांश अतिथि शिक्षको को सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
सेवा से मुक्त छटनी किये जाने से अधिकांश अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गये हैं और इनके पास रोजगार का अन्यत्र साधन नहीं है ।
DMF अतिथि शिक्षक अपनी सेवा बहाली , सहित सेवा सुरक्षा की मांग करने बस्तर सांसद एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज से अपनी समस्याओं के निराकरण के लिये गये थे ,किन्तु बैज ने भी चुनाव नजदीकी और राज्य सरकार द्वारा भर्ती होने के कारण कुछ नहीं करने का आश्वासन दिया हैं ।
वही अगर दूसरे तरफ बस्तर में अपार खनिज संपदा हैं जिसमें कम अल्प मानदेय 4000 -5000 दिया जाता है । अतिथि शिक्षकों ने कई बार अपनी समस्या को निराकरण के लिए प्रदेश के अधिकांश विधायक ,सांसदो से आवेदन ,निवेदन किया है किंतु आज तक कोई निराकरण नही हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार विद्यमितान जिसे राज्य अतिथि शिक्षक के रूप में सेवा ले रही है और बस्तर के अतिथि शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहीं हैं।
राज्य सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में किसी भी अनियमित कर्मचारी की छटनी नही करने का वादा किया था किंतु वर्तमान में लगभग अधिकांश अतिथि शिक्षकों के छटनी हो चुका है।
छटनी किये जाने से सभी DMF अतिथि शिक्षक राज्य शासन से आक्रोशित है और सरकार के रवैये से पर कथनी और करनी में बहुत बड़ी फर्क है ।