*निजी बस संचालकों की मनमानी किराए से, यात्री परेशान* *,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*निजी बस संचालकों की मनमानी किराए से, यात्री परेशान* *,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

बीजापुर,भोपालपटनम ::::::::::: प्रायवेट बसो के परिचालक ( कंडक्टर )और टिकट बुकिंग एजेंट की मनमानी से गरीब यात्री आर्थिक रूप से ठगा जा रहा है ।

एक तरफ पर अन्य प्रांत के बस का किराया वाजिब है तो दूसरी तरफ प्रायवेट बस का किराया छत्तीस गढ़ में दोगुना या उससे ज्यादा है ।

परिवहन विभाग भी इस ओर ध्यान नही दे रहा है ।

विधायक और जिला प्रशासन ने क्षेत्र की जनता के हित में गत वर्ष एक अच्छा पहल की लेकिन दबंग टिकट बुकिंग एजेंट ने उस पर पानी फेर दिया ।

इस क्षेत्र के लोगों का तेलंगाना से सामाजिक सरोकार है क्षेत्र के लोगों की मांग है कि पर- प्रांत की बसो को अपने क्षेत्र में आने का परमीशन दिया जाए।

जिससे की प्रायवेट बसो के मनमाने किराये पर अंकुश लगे और यात्री भी अपने आप को आर्थिक रूप से ठगा महसूस ना करे ।

प्रायवेट बसो के परिचालक( कंडक्टरर ) टिकट बुकिंग एजेंट यात्रियों के जेब पर सीधा खुलेआम डाका डाल रहे हैं ।

एक तरफ भोपालपटनम से जगदलपुर (215) कि.मी.-300/- रू.और रायपुर लगभग(500 )कि.मी.का किराया 950 से 1100/- रुपये है ।

वही तेलंगाना जाने वाली प्रायवेट बसो का बसो में तारलागुड़ (32) कि. मी. का 100/- रू., वारंगल लगभग(180) कि. मी. का 600/- रुपये से 1000/- रू. लेते हैं वही हैदराबाद लगभग (340) कि. मी है उसका किराया 1000 से 1100/- रूपये लेते हैं. जबकि भोपालपटनम से रायपुर और हैदराबाद की दूरी में 210कि. मी. अंतर है फिर भी इतना किराया क्यों?

वही शासकीय तेलंगाना डिपो की बस का किराया भोपालपटनम से तारलागुड़ा का 50/- और वारंगल का 300/- रूपये है. जितनी भी छ. ग. राज्य की बसे तेलंगाना जाती है यात्रियों से मानक दर से दोगुना या अधिक किराया यात्रियों से वसूला जाता है और सीट के अनुपात से ठसाठस भरा जाता है ।

बसो में पैर रखने की जगह नहीं रहती है ।

बसो में किराया सूची भी नहीं लगा है।

इतना होते भी परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौन क्यों?

गत वर्ष विधायक विक्रम शाह मंडावी और कलेक्टर राजेन्द्र कटारा की पहल पर तेलंगाना डिपो की शासकीय बस बीजापुर से वारंगल और मंचिर्याल के लिए सुविधा उपलब्ध कराया गया था, लेकिन टिकट बुकिंग एजेंट के दबंगई से उन्हें बस स्टैंड में रूकने नहीं दिया जाता था ।

इन बुकिंग एजेंट पर नकेल शिकंजा कसा जाना चाहिए।

ज्ञात हो कि इस क्षेत्र की जनता का तेलंगाना और महाराष्ट्र से रोटी- बेटी का नाता है और यहाँ के लोग अपना ईलाज कराने तेलंगाना जातें है ।

क्षेत्र की जनता को विधायक और कलेक्टर पर विश्वास है कि जिस प्रकार गत वर्ष की भांति तेलंगाना डिपो बस परिचालन करवाया है उसी भांति तेलंगाना डिपो की बस को मंचिर्याल से बीजापुर और वारंगल से बीजापुर चलवाने के लिए डिपो प्रबंधन से आग्रह करे।

जिससे की प्रायवेट बसो की मनमाने ढंग से किराया वसूलने वाले परिचायक और टिकट बुकिंग एजेंट पर अंकुश लग सके।

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