*जिले के स्कूलों/आवासीय विद्यालयों में दी गई ‘‘गुड टच बैड टच’’ की जानकारी*,,,,
,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट ,,,,,
बीजापुर ,,,,/कलेक्टर श्री राजेन्द्र कुमार कटारा निर्देशानुसार जिले में संचालित सभी आवासीय विद्यालयों, पोटाकेबिनों, आश्रमों, स्कूलों में बाल संरक्षण, बाल अधिकार की जानकारी बताने के लिए निर्देशित किया गया। निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री लुपेन्द्र महिनाग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री राहुल कौशिक को निर्देशित करते हुए विकासखण्ड के सभी आवासीय विद्यालयों, पोटाकेबिनों, आश्रमों, स्कूलों में टीम बनाकर बाल अधिकार कानून के बारे में वीडियो चलचित्र के माध्यम से प्रचार प्रसार करने हेतु टीम को भेजा जा रहा है। इस दौरान ग्राम पंचायत पुसनार के कन्या रेसीडेंसीयल स्कूल एवं आवापल्ली के स्वामी आत्मानंद स्कूल में टीम के द्वारा लैंगिक अपराधों से (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम) 2012 के अंतर्गत बच्चों के साथ किए जाने वाले यौन शोषण, यौन उत्पीड़न, यौन व्यवहार जैसे अपराधों के बारे में जानकारी देते हुए सभी बच्चों को गुड टच बैड टच के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही बच्चों को अपराध के संबंध में शिकायत कैसे करना चाहिए के बारे में भी जानकारी दिया जा रहा है। कि आप शिकायत बॉक्स शाला प्रबंधन समिति या जिस पर आपको विश्वास हो उस शिक्षक, दोस्त, माता-पिता से जानकारी दे सकते हो, चाईल्ड लाईन 1098 के माध्यम से भी एवं शिकायत सी-बॉक्स के जरिए ऑनलाईन शिकायत किया जा सकता है। इसके संबंध में बालक कल्याण समित/किशोर न्याय बोर्ड में भी शिकायत की जा सकती है। यह भी बच्चों को बताया गया। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम) 2015 के अंतर्गत आने वाले देखरेख एवं आवश्यकता वाले बालकों के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए जिनके अंतर्गत आने वाले अनाथ, बेसहारा, घूमन्तू, बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, गुमशुदा उन्हें कहॉ एवं कैसे प्रस्तुत करना है। गॉव में प्रायः यह देखा जाता है कि कम उम्र बाल विवाह करवाया जाता है। जिसके संबंध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी देते हुए यह बतया गया कि कम उम्र में बाल विवाह ना करवाने एवं बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों को बताते हुए बालिका की उम्र 18 वर्ष एवं बालक की उम्र 21 वर्ष के बाद ही विवाह करवाने के बारे में बताया गया। बाल श्रम जैसे भवन निर्माण, खदानों में पत्थर तोड़ना, खेतों में काम इत्यादि कार्य करवाया जाना, काम की तलाश में अन्य राज्य जाते हुए बच्चों की रोकने एवं उनके जाने की सूचना देने के बारे में बताया गया। आवासीय विद्यालयों में रहने वाले सभी बच्चों का आयुवर्ग अनुसार बाल समिति गठन करने एवं उनके सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने के बारे में समझाया गया। साथ ही चाईल्ड लाईन नं. 1089 के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को उनके शिक्षा व संरक्षण संबधित जानकारी दिया गया। इस दौरान बच्चों को कोमल, खुशी वीडियों, का प्रदर्शन कर बच्चों के साथ होने वाले यौन उत्पीडन के संबंध में डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाया गया। इस दौरान श्री नवीन कुमार मिश्रा (संरक्षण अधिकारी, श्री राजकुमार निषाद (सामाजिक कार्यकर्ता), श्री संदीप चिडेम (सामाजिक कार्यकर्ता), श्री राजू कश्यप (आउटरीच वर्कर) एवं शिक्षक/शिक्षिका उपस्थित रहे।