*छत्तीसगढ़ मे रासूका कानून लागू होने पर, भाजपा नेताओ के पेट मे दर्द क्यों,रासूका कानून लगने से ढाई माह पहले ,कई ऐसे धार्मिक अत्याचार हुआ ,कइयों का घर तोड़ दिया गया ,तब काहा थे सेक्युलर पार्टी के नेतागण ,अब एक एक करके निकल रहे बिल से* नरेन्द्र भवानी,,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
*भाजपा राज मे पूर्व डी. जी. पी. जी. पी. सिंह की डायरी मे दंगा भड़काने का सबूत व वर्तमान का हाल दहलता बस्तर क्या जुड़ते नहीं कड़ी*
*रासूका कानून लगने से ढाई माह पहले कई ऐसे धार्मिक अत्याचार हुवा कइयों का घर, तोड़ दिया गया तब काहा थे सेक्युलर पार्टी के नेतागण अब एक एक करके निकल रहे बिल से*
जगदलपुर:::::::::: मामले मे “छत्तीसगढ़ ईसाई युवा मंच” के संस्थापक नरेन्द्र भवानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर काहा हैं ,की देर ही सही पर छत्तीसगढ़ सरकार पुलिस प्रशासन वर्तमान मे यह धार्मिक दंगो पर काबू कर पाई है , रासूका कानून लगाकर बहुत बड़ा फैसला लिया है ,और फैसला भी क्यों ना हो बड़ा दंगइयों ने किया ही कुछ ऐसा की सभी हदे हो गई पार ।
*वही भवानी ने काहा की भाजपा नेतागण लगातार रासूका कानून लागू होने पर छत्तीसगढ़ मे आपात्कालीन लगे जैसा आरोप ,यह कानून से आदिवासियों का हक़ संस्कृति पर आंच आएगा करके आरोप लगाकर कही ना काही रासूका कानून का विरोध कर दंगा होना झगड़ा लड़ाई होना या होते रहना जैसा माहौल को पसंद कर रही भाजपा ।
विचार करने जैसे बात होगा भाजपा काल मे पूर्व डी. जी. पी. जी. पी. सिंह के डायरी से बरामत हुऐ वह बात जिसमे लिखा था की बस्तर को दहलाना है ।
अब चुनाव के समय ऐसी ही बातो को चरितार्त करते हुऐ भाजपा के नेताओ का दंगों मे सम्मिलित पाया जाना यह कोई अचम्भा करने वाली बात नहीं बल्कि प्रत्यक्ष रूप से धार्मिक दंगा कर भाजपा चुनाव लड़ना चाहती है,
यह तो साफ है बात है ।
वही रासूका कानून लगने के बाद इनके धर्म रक्षक सभी बिल मे जा घुसे है ।
सेना के कप्तान मन अब बिल से निकलकर सरकार की यह सफल फैसला पर आरोप लगाना गलत बात है ।
चुनाव लड़िये पर रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सडक, शिक्षा जैसे मुद्दों पर लड़े क्या धार्मिक भावना भड़का कर गन्दा राजनीति का खेल खेला जा रहा है, अब यह सब चालबाजी बात आम जनता भी समझ में आ गईं है ।
*वही भाजपा नेताओ द्वारा कहना हैं कि आदिवासी की संस्कृति ख़त्म करने व उनके हक़ अधिकार को रोकने हेतु लागू किया गया रासूका गलत बेहद हास्यपद है।
सच्चाई यह है की यह कानून लागू होने पर भोले भाले आदिवासी जो इनके बहकावे मे आकर दंगा को अंजाम देते थे अब वह भाई जेल नहीं जाएगा ।
क्युकी वह कोई दंगा मे शामिल ही नहीं होगा उसी प्रकार कानून लागू करने से संस्कृति या देवी देवता ख़त्म नहीं होंगे।
नेताओ के मिली भगत से रावघाट, नंदी पर्वत, आमदई पर्वतो को बेचकर धंदा करके आदिवासियों की देवी देवता का अस्तित्व मिटाने का यह कोशिस से संस्कृति व देवी देवता ख़त्म होंगे ।
*बंद हो यह गंदा धार्मिक दंगा राजनीति, सरकार का यह फैसला रासूका कानून लागू करने से प्रदेश मे शान्ति स्थापित हुआ है ।
दंगाई करने वालें सोच वाले योद्धाओ की बोलती बंद पड़ी है।
इनका दंगाई धंदा चौपट होता देख बिल से निकल कर बोल रहे है हिंसा मनसा रखने वाले छत्तीसगढ़ ईसाई युवा मंच सरकार का यह फैसला का खुलकर स्वागत करता है।