मनीष कौशिक की रिपोर्ट
अम्बागड चौकी के जिला बनते ही शुरू हो गयी अवैध कारोबारियों की बल्ले बल्ले थाने से महज कुछ ही दूरी पर चल रहा है, अवैध शराब पीने पिलाने का होड़ अम्बागढ़ चौकी थाने की नाक के नीचे सारा कारोबार जोरो पर चल रहा है पर कार्रवाही ऊट के मुँह में जीरा साबित हो रही है, रह रह कर एक ही सवाल आता है की आखिर ये कृपा दृष्टि क्यूँ, खैर जनता है सब जानती है की कृपा की दृष्टि क्यूँ है, सरकार की बार निति को खुला चैलेंज करते हुये इन दिनों चौकी के कुछ ढाबो पर ये सुविधा खुले आम उपलब्ध करा दी जा रही है, जिसे देख कर लगता है की कृपा का दौर जारी है इस वजह से कार्रवाही नहीं होती इन पर और इन्के संचालको की दबंगई भी इतनी की कई दिन पुरानी और सड़ी गली सब्जी भी लोगो परोस दी जा रही पर इनकी दबंगई के चलते इनसे पूछने वाला कोई नहीं है, जिसका नतीजा यह है की इनकी मनमर्जी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही पर सईया भय कोतवाल तो फिर डर काहे का बस इन सब के बीच आम नागरिक परेशान इन ढाबो का संचालन अब भोजन की पूर्ति के लिए नहीं बल्कि चखना और बार के रूप में हो रही है, इन अवैध संचालित मयखानो पर आखिर लगाम कसे गा कौन देखना है अब की क्या कार्रवाही सार्थक होती है या ऊट के मुँह में जीरा