*डीएमएफ से सिंचाई साधन एवं ड्रीप की सुविधा से, किसान बन रहे हैं आत्मनिर्भर,,,*
*धान के बदले अन्य फसल ,”साग-सब्जी” के उत्पादन से, कृषक रामचन्द्र की आमदनी हुई दुगुनी,,,,*भोपाल पटनम से मुर्गेश शेट्टी की रिपोर्ट,,,,*
*विभागीय अधिकारियों के ,तकनीकी मार्गदर्शन से कृषि में आया बड़ा बदलाव,*
बीजापुर ::::::::::- उसूर ब्लाक के पुसगुड़ी निवासी कृषक रामचन्द्र यालम जिला प्रशासन के सहयोग से कृषि कार्य में अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर रहा है। कृषक रामचन्द्र यालम ने बताया कि उसके पास 02 एकड़ कृषि भूमि है जिस पर खेती करता है। कृषि ही आजिविका का एक मात्र साधन है जिससे अपने परिवार का भरण पोषण करता है। सब्जी उत्पादन का भी कार्य करता है। कृषक ने बताया धान की खेती से पर्याप्त आमदनी नही हो पा रही रही थी। सिंचाई का साधन भी नही था जिससे मैं केवल धान का फसल लेने को मजबूर था। मुझे साग-सब्जी की खेती का अनुभव तो था परंतु सिंचाई के स्त्रोत नही होने से धान के फसल में 40-50 हजार रूपए कमा लेता था तभी जिला प्रशासन का सहयोग मुझे मिला जिससे डीएमएफ के माध्यम से सिंचाई का साधन एवं ड्रीप संयत्र की सुविधा मिली एवं उद्यानिकी विभाग का निरंतर तकनीकी मार्गदर्शन मिला जिसका सार्थक परिणाम सामने आया अब मै सालभर में 90 हजार से 1 लाख रूपए तक कमा लेता हूं। धान के बदले सब्जी उत्पादन से मेरी आमदनी दुगुनी हो गई है। मैने विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन से भिंडी, बरबटी और ग्राफ्टेड बैंगन लगाया है। मेरी कृषि कार्य से गांव के अन्य किसान भी साग-सब्जी की खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं। जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग ने मुझे सहयोग कर मेरी आमदनी का स्त्रोत बढ़ाया जिससे आर्थिक रूप से मै सक्षम हो रहा हूं। मै और भी कड़ी मेहनत करके उन्नत कृषि के माध्यम से अपनी आजिविका की बढ़ाऊंगा और सहयोग के लिए मै प्रशासन का सदैव आभारी रहूंगा।