वन प्रबंधन योजना पर ,एक दिवसीय कार्यशाला,,,
दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,,,,,,
जगदलपुर :::::::: बस्तर जिले में सामुदायिक वन संसाधन अधिकारों की मान्यता और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण और क्षमतावर्धन कार्यक्रम के तहत एट्री संस्था जिला प्रशासन बस्तर के सहयोग से वन प्रबंधन योजना के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमे बस्तर जिले में वन संसाधन हक प्राप्त कर चुके ग्रामों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
वन अधिकार कानून 2006 के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधनों की प्रबंधन के लिए ग्राम सभा को हक है वो अपनी आजीविका विकास और संरक्षण के लिए नियम बना सकती है, जिसके कार्यशाला में डा.शरद चंद्र लेले ने वन प्रबंधन योजना के मुख्य उद्देश्यों को समझाया और भविष्य में बेहतर प्रबंधन और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताया, साथ ही एक सुदृष्ट योजना क्या हो सकती है इस विषय पर बात रखे।
डॉ . श्रुति मोकाशी के द्वारा वन प्रबंधन योजना बनाने के चरणों के साथ साथ पारिस्थितिक अनुरूप वन प्रबंधन योजना बनाने और उसके लिए कार्ययोजना बनाने के विषय में प्रस्तुतिकरण दी।
सामुदायिक वन संसाधन का प्रबंधन के लिए कामदेव कुरुषपाल से हेमंत कश्यप, रूपचंद्र नाग , साकरगॉव से सोनारू कश्यप , लखमू मड़ावी , नागलसर से सोमा बघेल , परदेशी नाग, बुधराम नाग, बलदेव नाग ,रतेंगा कवलसिंह कश्यप बिसपुर पतिराम मड़ावी , मांजरा कश्यप, संतोष सोढ़ी , चित्रकोट से भवँर लाल मौर्य , रामु कश्यप , मृत्युंजय कश्यप, बबलू यादव आदि गांवों से आए प्रशिक्षु के रूप में वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव, और सदस्यों ने वन प्रबंधन संबंधित सवाल किए। साथ ही प्रबंधन योजना बनाने के लिए ग्राम के जंगलों के परिस्थियो के हिसाब से टीम बना कर गांव का नक्शा बना कर के ग्रुप वर्क किए।डॉ . शरद चंद्र लेले , डॉ. श्रुतिस मोकाशी, अनुभव सोरी , संतू मौर्य, गंगा नाग , पूरन सिंह कश्यप , सोमारू बघेल , बनसिंह मौर्य, रूपचंद्र नाग , लखेश्वर कश्यप , कमलू पोयाम, भवँर लाल मौर्य , युगोल जोशी , रामु कश्यप , कमलेश कश्यप ,भगत आदि उपस्थित थे।