जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी से पोलावरम परियोजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मांग की,,,,,,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,
नयी दिल्ली :::::: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर गोदावरी नदी पर बनने वाली पोलावरम ंिसचाई परियोजना के काम में तेजी लाने के लिए तदर्थ आधार पर 10,000 करोड़ रुपये की मांग की.
मुख्यमंत्री ने बाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी शिष्टाचार के नाते मुलाकात की.
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री से हुई 40 मिनट की मुलाकात के दौरान रेड्डी ने कहा कि धन के ‘‘अभाव’’ में पोलावरम परियोजना पूरी होने में देरी हो रही है. उन्होंने इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री से 55,548.87 करोड़ रुपये के संशोधित लागत अनुमानों को मंजूरी दिए जाने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने इस परियोजना पर राज्य सरकार की ओर से खर्च किए गए 2,900 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति की भी मांग की और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि अन्य राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं की तर्ज पर पाक्षिक रूप से बिल के भुगतान किए जाएं, ना कि घटक वार तरीके से. दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली आए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पोलावरम परियोजना पर हो रहा काम जारी रहे, इसके लिए तदर्थ आधार पर 10,000 करोड़ रुपये जारी किए जाएं. उन्होंने इस परियोजना के प्रभावितों को राहत और पुनर्वास के लिए भी केंद्रीय मदद की गुहार लगाई.
इससे पहले, पोलावरम ंिसचाई परियोजना की लागत 35,000 करोड़ रुपये थी. इस परियोजना का लक्ष्य 2.91 लाख हेक्टेयर भूमि पर ंिसचाई, 960 मेगावाट बिजली का उत्पादन और उद्योग व आंध्र प्रदेश के 540 गांवों के लिए पानी की जरूरतें पूरी करना है.
मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय किए गए वादों खासकर, विशेष राज्य के दर्जे की भी मांग प्रधानमंत्री के समक्ष दोहराई.
विजयनगरम जिले में प्रस्तावित भोगापुरम हवाई अड्डे के निर्माण को मंजूरी दिए जाने, 12 चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना किए जाने, वाईएसआर जिले में एकीकृत इस्पात संयंत्र स्थापित किए जाने और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य सरकार को कोष जारी किए जाने की मांग की.
मुख्यमंत्री रेड्डी पोलावरम परियोजना के लिए प्रधानमंत्री से 55,548.87 करोड़ रुपये के संशोधित लागत अनुमानों को मंजूरी देने की पिछले कुछ समय से मांग करते रहे हैं. मुख्यमंत्री का तर्क है कि राज्य सरकार राहत और पुनर्वास को आगे ले जाने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि इसमें बहुत अधिक खर्च है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा कीं. विगत तीन महीने के भीतर रेड्डी और मोदी के बीच हुई यह दूसरी मुलाकात