*आरक्षण : एसटी एससी को क्रिमिलेयर श्रेणी में लाने के विरोध में निकाली गई आक्रोश रैली *,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
*सर्व आदिवासी समाज और सर्व एससी समाज द्वारा संयुक्त रैली कर सौंपा ज्ञापन*
*बीजापुर सहित सभी ब्लाक मुख्यालय, कस्बों में बंद का व्यापक असर *
बीजापुर:::::::::::::::::::::::::::::::::::::अनुसूचित जाति/ जनजातियों में क्रिमिलेयर लागू करने के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के विरोध में बुधवार को जिले के सभी ब्लाक मुख्यालय सहित कस्बों में बंद का व्यापक असर देखा गया।
एसटी एससी संयुक्त समिति द्वारा आयोजित बंद और रैली में बीजापुर मुख्यालय में करीब 15 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। समिति द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 10 बजे से लोगों का धरना स्थल आना शुरू हो गया। दोपहर 1 बजे अचानक भीड़ बढ़ने के चलते बैठक व्यवस्था में जुटे वालिंटियर को काफी परेशानी होती दिखी। आम सभा करीब सवा दो बजे तक चली जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने दलित आदिवासी समाज को मिले आरक्षण के कारणों पर अपनी बात रखते हुए आरक्षण व्यवस्था को पूर्ववत रखे जाने की मांग के साथ आगे और आंदोलन की बात कही।
इस दौरान एसटी एससी संयुक्त समिति के अध्यक्ष शंकर कुडियम, विधायक विक्रम मंडावी, मराई माता महार समाज के अध्यक्ष सुरेश चंद्राकर, महार समाज के अध्यक्ष अजय दुर्गम, सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी, सतनामी समाज अध्यक्ष कल्याण सिंह कुर्रे, परधान समाज सकनी चंद्रैया, मुरिया समाज सुकुल साय तेलाम, उरांव समाज पीआर भगत, कंवर समाज कमलेश पैंकरा, गोंडवाना समन्वय समिति के अमित कोरसा, अशोक तलांडी, नीना रावतिया उद्दे, कमलेश कारम, कामेश्वर दुब्बा, बृजलाल पुजारी आदि ने सभा को संबोधित किया।
संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष शंकर कुडियम ने बताया की आक्रोश रैली मुख्य मार्ग से गुजरते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची जहां प्रतिनिधि के तौर पर डिप्टी कलेक्टर उत्तम पंचारी और तहसीलदार डीआर ध्रुव ने ज्ञापन लिया। इस दौरान आदिवासी समाज प्रमुखों द्वारा कलेक्टर से मुलाकात कर मांग को दोहराया तथा समाज की मांग पर कलेक्टर रैली के बीच पहुंच कर आदिवासी विकास पर सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में राष्ट्रपति, भारत सरकार, प्रधानमंत्री, कानून मंत्र, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सर्वोच्च न्यायालय, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के नाम सौंपा गया।
शंकर कुडियम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 01 अगस्त को दिए गए फैसले अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा और कोट के अंदर क्रीमी लेयर निर्धारित करने का अधिकार राज्यों को देने निर्णय पारित किया है। इस निर्णय से देश भर के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग प्रभावित हो रहे हैं।