कर्मचारियों से किए वायदों को भूल गई छ.ग. सरकार – समीर खान

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  1. (प्रदेश के मुखिया ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था वादा)

  • जगदलपुर – प्रदेश की भाजपा सरकार कर्मचारियों के साथ कुठरघात कर रही हैं l भाजपा ने प्रदेश के कर्मचारियों – अधिकारियों के लिए अपने विधान सभा चुनावी घोषणा पत्र “कर्मचारियों को मिलेंगे उनका हक और अधिकार”
    में कर्मचारियों से आठ वायदे किए गए थे जिसे सरकार बनने के आठ माह बाद भी पूरा करने में विफल रही प्रदेश की यह सरकारl प्रदेश सरकार के मुखिया विष्णु देव साय जी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के साथ प्रदेश के कर्मचारियों से आठ वायदे किए थे जिसमें प्रदेश के समस्त कर्मचारीयों को केंद्र द्वारा दिए जाने वाले मंहगाई भत्ते के समान ही मंहगाई भत्ता देगी , सभी कर्मचारियों को क्रमोन्नति का लाभ देगी, पंचायत सचिवों को नियमित करेगी, सरकार बनने के 100 दिन के भीतर समस्त विभागों के कर्मचारियों की समस्यों एवं मांगो की समीक्षा के लिए समिति बनायेगी, मितानिनों और शिक्षा विभाग में कार्यरत रसोइए और सफाई कर्मियों के मासिक मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि करेगी, केंद्र सरकार से मितानिन आशा कर्मचारीयों को एन एच एम के अन्तर्गत स्थाई रूप से लेने सहित सभी पेंशनरों को 15 तारीख के पहले पेंशन प्रदाय करने जैसे वादे किए गए थे परन्तु सत्ता में आने के 238 दिन बाद भी कर्मचारियों से किए गए अपने ही वायदों को सरकार भूल गई है l कर्मचारीयों को उम्मीद थी कि लोकसभा के चुनाव के बाद भी सरकार इस पर अमल करेगी पर इसके उलट सरकार कर्मचारियों और अधिकारीयों के तबादलों में लगी हैं l उन्हें मिलने वाले अवकाश और मंहगाई भत्ते को लेकर प्रताड़ित कर रही हैं l उनके लम्बित विषयों पर बात करने को तैयार नही दिख रही है l सरकार के इस रवैए से प्रदेश सहित बस्तर क्षेत्र के कर्मचारी एवं उनके संगठन नाराज़ है l कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे l उन्हें सत्ता में काबिज होने के लिए कहा गया जुमला महसूस हो रहा है l सरकार की इस वादा खिलाफी को लेकर अब नाराज कर्मचारी आन्दोलन के मूड में है l शासन से पत्राचार भी शुरू हो चुका है कुछ संगठन सांकेतिक प्रदर्शन भी कर चुके है, आम आदमी पार्टी भी कर्मचारीयों की मांगों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर साथ खड़ा है l जरूरत पड़ेगी तो कर्मचारियों से किए इन वायदों को याद दिलाने कर्मचारियों के साथ आंदोलनों में भाग लेगी l सत्ता में आने के लिए जनता से घोषणा पत्र के माध्यम से किए गए वायदों से मुकर जाना गलत परम्परा की शुरूवात है इसका आम आदमी पार्टी विरोध करता है l इसका उदाहरण दिल्ली और पंजाब जहां आम आदमी पार्टी की सरकार है वहां सअक्षर घोषणा पत्र सम्मान कर जनता से किए गए सारे वायदों को पुरा किया गया l छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार से भी हम उम्मीद करतें हुए मांग करतें है कि प्रदेश के कर्मचारियों से घोषणा पत्र में किए गए वायदों को सअक्षर पुरा करें!

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