*आदिवासी समाज द्वारा बस्तर बंद को, बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कॉंग्रेस जे का संपूर्ण समर्थन का ऐलान- नवनीत चांद*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*आदिवासी समाज द्वारा बस्तर बंद को, बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कॉंग्रेस जे का संपूर्ण समर्थन का ऐलान- नवनीत चांद*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

*राज्य की राष्ट्रीय पार्टियों की सरकारों के निर्माण मे बस्तर के मतदाताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान, बस्तर के जनप्रतिनिधियों ,की उदासीनता के कारण, सरकारे बस्तर मे व्याप्त ,नक्सलवाद से उत्पन्न आशांति को शांति मे बदलने मे नाकाम*

*नक्सलवाद और फोर्स के बीच आपसी संघर्ष मे, बस्तर के मासूमों की हत्याओं पर ,बस्तर के नाम पर, राजनीति करने वाले संघटन खामोश क्यु?*

*जगदलपुर::::::::::::::::::::::::::::::
*बीजापुर जिले में बीते 10 मई को पीडिया के जंगलों में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को मारे गए 12 आदिवासी ग्रामीणों को आदिवासी समाज द्वारा एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए इसे फर्जी मुठभेड़ बताया गया है साथ आदिवासी समाज द्वारा कल दिनांक 28/5/24 को बस्तर बंद का आह्वान किया गया है।

बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कॉंग्रेस जे पूर्ण समर्थन करती है ।
उक्त बयान बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चांद ने कही है..।
*जनता कॉंग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा,प्रदेश में भाजपा या कॉंग्रेस की सरकारे रही, बस्तर के मतदाताओं ने बस्तर की सीटों पर दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों को चुनाव जीता कर राज्य की सरकारों के निर्माण मे बड़ी भूमिका निभाई परंतु विडंबना है।

निर्दोष आदिवासीयों की हत्या का सिलसिला लगातार जारी है ।

प्रदेश की सरकारों द्वारा आत्मसमर्पण हेतु पुनर्वास योजनाओं की खामियां, वार्ता की विफलता ही आदिवासियों को खत्म करने की यह बड़ी साजिश है,।

सरकार नहीं चाहती कि आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का हक मिले ।

आदिवासियों को नक्सली के नाम पर फर्जी मुठभेड़ बताकर मार रही है, सरकार बनते ही बस्तर में एक भयावह वातावरण उत्पन्न हो गया है।

सारे ग्रामीण खौफ में जी रहे हैं।

पूरा बीजापुर जिला इस फ़र्जी मुठभेड़ के विषय से भलीभांति परिचित है..पीड़िया नक्सल-पुलिस मुठभेड़ को सभी वर्गों,ग्रामीणों सामाजिक संगठनों, मीडिया बंधुओं सभी ने इस विषय को फ़र्जी मुठभेड़ करार दिया है..।

प्रदेश की भाजपा सरकार को इस फर्जी मुठभेड़ में मारे गए सभी निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या की जांच करनी चाहिए..।

आदिवासी समाज के द्वारा दिनांक 28 मई को बस्तर बंद के निर्णय का बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कॉंग्रेस जे पार्टी पूर्ण रूप से समर्थन करती है…*

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