क्रास फायरिंग से आदिवासियों की मौत संदेहास्पद – सर्व आदिवासी समाज,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,
घटनाओं की न्यायिक जांच की मांग
बीजापुर,,,,,,,,,,,,,, बीते कुछ महीनों से बीजापुर जिले में नक्सल अभियान के दौरान सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में मासूम बच्चे सहित आम ग्रामीण की मौत पर चिंता जाहिर करते हुए सर्व आदिवासी समाज ने ऐसी मौत पर संदेह जताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों ने बयान जारी कहा है कि बीते जनवरी माह में मुदवेंदी में 6 माह की मासूम की गोली लगने तथा बोड़गा गांव के युवक रमेश ओयाम की कथित नक्सल मुठभेड़ में क्रास फायरिंग में गोली लगने से मौत होना बताया जा रहा है। इन घटनाओं को लेकर आदिवासी समाज को संदेह हो रहा है।
समाज का मानना है कि सुरक्षा बलों और माओवादियों मुठभेड़ के दौरान आदिवासियों को सुरक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है जो पूरी तरह अनुचित और अवैधानिक है। आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन के नैसर्गिक रक्षक हैं तथा यहां स्वच्छंद रूप से रहना चाहते हैं। लगातार क्रास फायरिंग में आम लोगों की मौत चिंताजनक और संदेहास्पद है।
30 जनवरी को कथित मुठभेड़ के बाद क्रास फायरिंग से हुए रमेश ओयाम की मौत के बाद शव को भैरमगढ़ लाने वाले ग्रामीणों को पुलिस द्वारा आखिर क्यों रोका गया था। सर्व आदिवासी समाज के एक प्रतिनिधि मण्डल को ग्रामीणों और पुलिस के आला अधिकारियों से वार्ता कर शव को पीएम कार्रवाई तथा मृत्यु की प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आना पड़ा था। ऐसी घटनाओं से आम लोगों के बीच अविश्वास की भावना बढ़ती जा रही है।
सर्व आदिवासी समाज शासन प्रशासन से मांग करता है कि इन घटनाओं की न्यायिक जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे। अन्यथा आदिवासी समाज आंदोलन के लिए बाध्य होगा जिसकी जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी।