स्वामी आत्मानंद स्कूल के आड़ में सरकारी स्कूलों को निजीकरण करने की तैयारी- श्रीनिवास मुदलियार ,,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,

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स्वामी आत्मानंद स्कूल के आड़ में सरकारी स्कूलों को निजीकरण करने की तैयारी- श्रीनिवास मुदलियार ,,,,,,,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,

स्वामी आत्मानंद स्कूल अब समितियों के माध्यम से होगी संचालित, शिक्षक होंगे पदोन्नति, क्रमोन्नति से वंचित

समस्त शिक्षक संवर्ग के लिए गंभीर चिंता का विषय

बीजापुर/ स्वामी आत्मानंद स्कूल के आड़ में सरकारी स्कूलों को निजीकरण करने को लेकर आज भाजपा अटल सदन कार्यालय मे भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने पत्रवार्ता कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी पर निजीकरण करने का आराेप लगाया है । भाजपा जिलाध्यक्ष मुदलियार ने बताया कि प्रदेश में विगत सत्र में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल बनाकर लगभग 300 प्राचार्यो के पद व इतने ही प्रधान अध्यापकों का माध्यमिक शाला, प्राथिमक शाला के पद समाप्त किया गया। प्रदेश सरकार पुनः स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल बनाने की ओर अग्रसर हैं। मतलब फिर इतने पद समाप्त हो जाएंगे, जिस में सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता की पद भी समाप्त हो जाएंगे। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग से दिनांक 06 जुलाई 2023 को पारित आदेश में प्रदेश भर में 318 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया। जिसमें स्कूल के संचालक पंजीकृत समितियों को हस्तांतरित किया गया। राज्य शासन द्वारा सोसाइटी को अंतरित किए गए सभी पदों को सोसायटी राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर ही भर सकेंगे इन पदों पर सोसाइटी द्वारा सीधी भर्ती व संविदा नियुक्ति अब नहीं करेगी। स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को प्रतिनिक्ति के माध्यम से नियुक्त करेगी, जबकि अन्य विभाग के कर्मचारियों को आप किसी दूसरे विभाग में नियुक्त करते हो तो उसे प्रतिनुक्ति के श्रेणी में माना जाता है चूंकि एक ही विभाग होने के कारण संलग्न किया जाना या युक्तियुक्तकरण के माध्यम से नियुक्त किया जाना चाहिए।

आगे श्रीनिवास मुदलियार ने यह भी कहा कि शासन की इस आदेश से वर्तमान में जो कर्माचारी शासकीय विद्यालयों में कार्यरत है उस संस्था को आत्मानंद स्कूल में परिवर्तन करने पर उस संस्था का कर्मचारी प्रतिनियुक्ति में जाना नहीं चाहता है तो उसे अब सरकार जिले के कई अन्य स्कूलों में स्थानांतरण करेगी,बावजूद इसके जिले में कई आत्मानंद स्कूल बनेंगे। तब उन कर्मचारियों के लिए पदस्थापना के लिए कहीं कोई स्थान रिक्त नहीं होगा तब उनका स्थानांतरण अन्य जिलों में भी किया जा सकता है। और कर्मचारियों को परेशान करने की सरकार की मंशा भी साफ नजर आता है। उन्होंने कहा कि इस उक्त आदेश के बाद ऐसा प्रतीत होता है जो कर्मचारी प्रतिनियुक्ति नहीं ले रहे हैं आने वाले समय में सरकार की ओर से सख्त आदेश जारी कर अनिवार्य करेंगी। जिससे शिक्षकों को शासन द्वारा मिलने वाले पदोन्नति कर्मोन्नति आदि अन्य लाभों से वंचित होना पड़ेगा। ऐसे में समस्त शिक्षक संवर्ग के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं पूरे राज्य में 90 हज़ार से अधिक पद पंजीकृत समितियों को सौपा जाकर सीधी भर्ती व संविदा संविदा भर्ती समाप्त कर व्याख्याता, प्राचार्य, यूडीटी आदि को पदोन्नति से वंचित किया था, तथा पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों को किस आधार पर भर्ती करेगी जब संविदा और सीधी भर्ती समाप्त होता है तो किस मापदंड से बेरोजगारों को उक्त स्कूलों में नियुक्त करेगें। क्या भविष्य में युवा बेरोजगारों को नियुक्ति मिलती है तो सवाल उठता है, क्या नियमित हो पाएंगे और शासन आदेश अनुसार समिति के पास यह अधिकार भी है इन युवा बेरोजगारों को जब चाहे तब स्वामी आत्मानंद स्कूल से निकाल सकते हैं जिससे पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारों के भविष्य अंधकार में है। इससे यह परिलक्षित होता है आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार शासकीय स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों के माध्यम से संपूर्ण शिक्षा पद्धति को निजीकरण करने की दिशा में प्रयासरत है। भाजपा जिलाध्यक्ष ने क्षेत्र के विधायक व काग्रेस की सरकार से मांग की है स्कूलों की शिक्षा पद्धति बदलाव न करते हुए यथावत रखा जाए एवं किसी भी शिक्षकों का अहित न हो, सरकार की निजीकरण की मंशा को भाजपा सफल होने नहीं देगी इसका प्रदेश स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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