*नारायणपुर में हुई घटना पर क्या बोले ,अंतर कलीसिया युवा संगठन बस्तर संभाग (IDYO) के मुख्य संयोजक बेनी फर्नांडीस ने, सर्व आदिवासी समाज के, प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम के बयान पर भी तशा कंज…*,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
जगदलपुर :::::::::नारायणपुर में हुई घटना पर बोले जब ईसाई लोगों पर हमले हो रहे थे घर से बेघर किया जा रहा था उनको इतना मारा पीटा जा रहा था और कितने बार शांति के साथ ईसाई लोगों ने ज्ञापन दिया आवेदन दिया उनपर हो रहे अत्याचार को शासन प्रशासन तक पहुंचाया तब कोई भी कार्यवाही नही हुआ उल्टे पीड़ित ईसाई समुदाय के लोगों पर अत्याचार किया गया तब राजा राम तोडेंम कहा थे???*
*अभी हिन्दू आदिवासी द्वारा चर्च को तोड़ा गया मसीहियों को मारा गया इस पर राजा राम क्या कहेंगे स्वयं भोले भाले आदिवासियों को कभी वनवासी कभी सनातनी बताकर हिन्दू बनाने का षडयंत्र तथाकथित सर्व आदिवासी समाज के नाम पर यही लोग धर्मान्तरण करवा रहे हैं।*
*आदिवासियों को हिन्दू दर्शाने में लगे हैं और जो आदिवासी स्वयं को हिन्दू कहलाने से मना कर रहे हैं उन्हें या तो नक्सली कहा जा रहा है या धर्मान्तित ईसाई करके लोगों को भड़काने का काम खुद राजाराम तोडेंम द्वारा किया गया है जितने भी आज दंगे बलवा हो रहे हैं उसके पीछे इन्ही का हाथ है ये गांव गांव जाकर शांत माहौल को खराब किये हैं पहले बस्तर क्षेत्र में आकर ऐसा ही किये अब नारायणपुर और कोंडागांव में कर रहे हैं पता नही इनकी मनसा क्या है ।
क्योंकि जबरदस्ती या लालच देकर कोई ईसाई नही बनाता और ये लोग संविधान को आधार बनाकर आदिवासियों पर अत्याचार कर रहे है क्योंकि क्या ईसाई धर्म पर आस्था रखने वाले आदिवासी नही??? तो फिर उन पर जुल्म करके ये आदिवासी नेता अपना ग्राफ बढ़ाने में लगे हैं ।
जब शासन प्रशासन से त्रस्त आदिवासी जो ईसाई धर्म पर आस्था रखते हैं और किसी भी तरह की सुनवाई नही होने पर अगर कोई उनको उनके ही घर मे घुसकर हमला करने पर क्या बचाव भी न करें??? और इतना ही निंदा करने का ढोंग करना है।
*एक धर्म स्थल को तोड़ा गया उसपर क्या कहेंगे राजाराम तोडेम???
यही अगर दूसरे धर्म स्थल को तोड़ा होता तो क्या होता इन्हें पता है कि ईसाई लोगों पर कितना भी अत्याचार ये लोग कुछ नही करेंगे करके और जब ईसाई आदिवासी द्वारा प्रतिउत्तर दिया जा रहा है तो इस विषय को मीडिया से लेकर शासन प्रशासन और कुछ आदिवासी नेता जो शांत आदिवासी समाज को भड़का कर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस्तेमाल कर रहा है इनके हाथ पैर फूलने लग गए।
मिडिया भी इनके अत्याचार को कभी नही दिखाया कि हिन्दू आदिवासीयों द्वारा अत्याचार या गुंडागर्दी लेकिन ईसाई लोगों ने उनको मारने आये लोगों पर बचाव में हमला किया तो ईसाई गुंडे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि ईसाईयों पर हमले सुनियोजित हैं और इसपर नेता से लेकर प्रशासन और मीडिया सबका हाथ है।
*अभी चर्च तोड़ा गया तो किसी भी अखबार ने हिन्दू आदिवासियों की गुंडागर्दी कहकर नही छापा जबकि ये लोग SP तक को जानलेवा हमला किये फिर भी शासन प्रशासन इन्हे क्यों बचा रही है??? इसका जवाब दे राजाराम तोडेम*