*शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस पर हुआ भव्य आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम……पढ़े पूरी खबर……राजेंद्र टेंबुकर की रिपोर्ट*

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जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के ब्लाक मानपुर के अंतिम छोर में बसे धुर वनांचल क्षेत्र ग्राम दुलकी ग्राम पंचायत कमकासुर में निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग भिलाई स्पात संयत्र के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव पर शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस के अवसर में आदिवासी सांस्कृतिक समारोह का वृहद आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के महत्वपूर्ण सामाजिक प्रतिनिधिगण ने शिरकत किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुरेश कुमार दुग्गा संरक्षक, मोहन हिडको संरक्षक, नरेंद्र नेताम अध्यक्ष, पुर्णान्द नेताम पुर्व सचिव सम्भाग गोंड समाज, तुलसी मरकाम कोषाध्यक्ष, कुमार कोरेटी सचिव, गोविंद साय वालको संभाग सदस्य, सुरजू टेकाम उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छग प्रदेश, दिनेश उसेंडी अध्यक्ष मानपुर, गोविंद धुर्वे उपाध्यक्ष, राम जी तुलावी युवा प्रकोष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सर्व आदिवासी समाज के उपाध्यक्ष सुरजु टेकाम ने आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार एवम उसके क्रियान्वयन पर अपने विचार व्यक्त किया साथ ही उन्होंने समाज के युवाओं के बीच वैचारिक गोष्ठी रखने का आग्रह किया जिससे युवाओं में समाज के प्रति आस्था रहे।

ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश उसेंडी ने सामाजिक रीति नीति के संबंध में विचार रखे एवं समाज को जोड़कर रखने का आग्रह किया।

युवा तुर्क आदिवासी समाज के संभागीय सचिव पूर्व जनपद सदस्य कुमार कोरेटी ने कहा की आदिवासी समाज इस प्रकृति का मूल समाज है। जितने भी प्राकृतिक संसाधन सब हमारा मूल है इन सबको सहेजने का हमारा दायित्व है। आज आधुनिकीकरण के दौर में प्राकृतिक संसाधनों के साथ साथ हमारी सामाजिक रीति नीति भी संरक्षण के अभाव में क्षीण होती जा रही है। आज हमारे मूल गोंड समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हमें जागरूक रहना है जिससे हमारा समाज जुड़ के रहे। हमारी संस्कृति एवं रिवाजों को हमें बना के रखना है।

असामाजिक तत्व जो हमारे समाज के मूल भावना को तोड़ने का प्रयास कर रहे उन्हें हम सबको मिलकर समाज के मुख्यधारा में लाना है। हमारे समाज में ऐसे भी लोग है जो समाज के मुखिया होने के बाद भी आदिकाल से चले आ रहे अटूट समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे है हमारे ही भोले भाले आदिवासी भाइयों के पास समाज का गलत महिमामंडन कर बरगलाने का प्रयास कर रहे है उनका हमे पुरजोर विरोध करना है।

संरक्षक सुरेश दुग्गा ने कहा की ऐसे सामाजिक कार्यक्रम लगातार होते रहना चाहिए जिससे सामाजिक एकता प्रदर्शित होती है। हम केवल सांस्कृतिक गतिविधियों के बल से समाज को नही जोड़ सकते बल्कि हमे वैचारिक रूप से भी मजबूत होना पड़ेगा।

अध्यक्ष नरेंद्र नेताम ने कहा की हमारा समाज आदि समाज है। आज समाज में शिक्षा की बहुत आवश्यकता है हम जब शिक्षित होंगे तभी समाज के विकास के बारे में सोच पाएंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सबका मन मोहा

आदिवासी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के विभिन्न मांदरी नर्तक दलों ने अपने सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन कर सबका मन मोह लिया। स्कूली बच्चों ने भी सांस्कृतिक कार्यकम का मंचन किया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से भिलाई स्पॉत संयत्र के अधिकारी गण, पुलिस अनुविभागिय अधिकारी मानपुर ताजेश्वर दीवान, थाना प्रभारी खड़गांव नरेंद्र मिश्रा सरपंच जमुना बाई टेकाम, हीरा लाल धुर्वे,संतू राम मंडावी, मंगुल सिंह कोला, भागवत कोला, सरवन कोला, रामलाल पोटाई, गैंदलाल सलामे, जयसिंह नूरेती, कल्याण टेकाम, कारण बोगा, संतराम मंडावी, देवलाल मतलामे, जयलाल बोगा, रती राम सलामे, तुलसी कोला, रामलाल सलामे, विजय दुग्गा, जयसिंह उईके, कमलेश कुमार, सरजू कोला, सुभनारायण दरों, नारायण कोरेटी, संतोष सलामे, जवाहर बोगा,लच्छू साबले, अवध चुरेंद्र, नोहरु कुमेटी, राजेंद्र जुरेशिया आदिवासी समाज के हजारों की संख्या में महिला पुरुष उपस्थित रहे।

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