शासन प्रशासन का ढोंग आया सामने, जमीनी स्तर पर शैक्षणिक गुणवत्ता पर नहीं हो रहा है कोई सुधार : महेश कुंजाम,,,,,,,,,,,,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,,,,

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शासन प्रशासन का ढोंग आया सामने, जमीनी स्तर पर शैक्षणिक गुणवत्ता पर नहीं हो रहा है कोई सुधार : महेश कुंजाम,,,,,,,,,,,,,,,,

दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,,,,,,,,,

सुकमा :::::: आल इंडिया स्टूडेन्टस् फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम ने प्रेस बयान कर कहा कि सुकमा का शिक्षा अव्यवस्था पर जिला प्रशासन गंभीर नहीं, मनमानी संचालित हो रहे हैं छात्रावास, आश्रम, पोटाकेबिन गंभीर समस्या सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार सामने आ रहा है जो शैक्षणिक व्यवस्था गंभीर हालात हैं ,।

इससे साबित होता है कि अधिकारी भ्रष्ट से लिप्त है, ।

सरकारी पैसो का कर रहे हैं दुरूपयोग ,,,

शासन की ओर से शिक्षा व्यवस्था व बच्चों के लिए करोड़ो रूपय राशि का आबंटन होता है यह राशि को कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार में दुरूपयोग कर शिक्षा व्यवस्था को हत्या किया जा रहा है।

बीते दिन चिन्तगुफा पोटाकेबिन का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आया कि वह बाथरूम, टॉयलेट नहीं है कई दिनों से छोटे छोटे बच्चे जगंल शौच करने जाने में मजबूर है,।

जगल में इन मासूम बच्चे को जहरीला साँप – बिच्छू से अनहोनी होने का डर रहता है, इसका जिम्मेदार कौन है?

, भवन जर्जर अवस्था में है, लाईट नहीं है, इन हालातों के बीच अन्दरूनी इलाकों के आदिवासी बच्चे शिक्षा ग्रहण करने मजबूर है।

पाकेला पोटाकेबिन हाइवे रोड के पास जो अधिकारी उसी रोड से आना जाना होता फिर भी अधीक्षक को खौफ नहीं, बच्चों को पौष्टिक आहार मीनू चार्ट नियमावली के आधार पर नहीं दिया जाता है, यह आरोप बच्चों का है। तो बच्चों का पैसा कहा जा रहा है,।

मामला गभीर है,बच्चे कलेक्टर महोदय तक शिकायत करने तक मजबूर किया जा रहा है।

इससे पूर्व भी छात्र इन्ही मांग को लेकर प्रशासन को शिकायत किया गया था।

फिर भी सुधार नहीं हुआ तो दुबारा शिकायत करने आना पड़ा।
सुत्र के मुताबिक तोगंपाल पोटाकेबिन आश्रम में मध्याह्न भोजन नहीं दिया जाता है, छोटे छोटे बच्चे दिन भर भूख से परेशान होने का शिकायत है, ऐसे ही अन्य जगह मध्याह्न भोजन नहीं दिया जाता है। मध्याह्न भोजन का राशन, राशि कहा जा रहा है।

जिम्मेदार अधिकारी अपनी गलतियों को छिपाने के लिए बच्चों को कलेक्टर महोदय से मिलने मना कर समस्या को लीपापोती कर शिक्षा अधिकारी बच्चो को वापस भेजा गया।

बच्चों की राशि को दिन दाहड़े कमीशनखोरी कर बच्चों के पेट में लात मारा जा रहा है।

हर वर्ष इन समस्याओं को लेकर आल इंडिया स्टूडेन्टस् फेडरेशन जिला प्रशासन को ध्यानाकर्षित करती है लेकिन मामले को लीपापोती कर नजरअदांज किया जाता है।

इसी का परिणाम छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में विभिन्न क्षैक्षणिक समस्याओं को लेकर करेंगे आंदोलन इसका पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।

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