*27 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सर्व पिछड़ा वर्ग ने किया चक्का जाम, सौंपा ज्ञापन*,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*27 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सर्व पिछड़ा वर्ग ने किया चक्का जाम, सौंपा ज्ञापन*,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

*सर्व आदिवासी समाज और कांग्रेस पार्टी ने दिया समर्थन*

* ,,,,,,,,,बीजापुर ,,,,,,,,,,,,*
सर्व पिछड़ा वर्ग ने त्रिस्तरीय पंचायती राज और नगरीय निकाय के चुनावों में 27 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को भैरमगढ़ के जनपद कार्यालय के समीप धरना और चक्का जाम किया।
सर्व पिछड़ा वर्ग समाज के रामलाल यादव और सुनील सोनी ने बताया कि यह बंद छत्तीसगढ़ सर्व पिछड़ा वर्ग समाज की ओर से चक्का जाम महाबंद बुलाया गया था। जिसमे सभी पिछड़ा वर्ग समाज के सदस्य मौजूद थे जिन्होंने पुरे जोश के साथ महाबंद को सफल किया। महाबंद को सर्व आदिवासी समाज और कांग्रेस का समर्थन मिला था। धरना प्रदर्शन और चक्का जान 11.00 बजे से 1.00 बजे तक चला जिसके बाद राज्यपाल के नाम एसडीएम विकास सर्वे को ज्ञापन सौंपा गया।
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बंद का समर्थन देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार ने 3 दिसम्बर 2024 को अध्यादेश ला कर छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 129 (ड.) (3) को विलोपित कर दिया है। अतः अनुसूचित क्षेत्रों में अन्य पिछड़ा वर्ग की 75 प्रतिशत के अंदर की सभी सीट अब सामान्य वर्ग के लिए मुक्त हो गई है।
प्रकाश ठाकुर ने बताया कहा कि यह सरकार ने क्यों किया और किसकी सलाह से किया यह समझ से परे है। कुछ विद्वान यह सलाह दे रहे है की पंचायत चुनाव में आरक्षण 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकता है। यह असंवैधानिक है। लेकिन उनको यह समझना पड़ेगा की पंचायत राज व्यवस्था त्रि-स्तरीय है। ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत में जनसंख्या का अनुपात बदल जाता है। संविधान ने भी इसी बात को समझते हुए अनुच्छेद 243 (घ) (6) में राज्य सरकार को इसलिए यह शक्ति दी की वह पिछड़ा वर्ग के लिए भी प्रावधान कर सके। इसलिए राज्य सरकार को अब चाहिए की पंचायत चुनाव में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति का आरक्षण यदि 50 प्रतिशत के ऊपर भी जाता है तो भी अन्य पिछड़ा वर्ग को उसकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण प्रदान करे।
बीजापुर विधायक और कांग्रेस नेता विक्रम मंडावी ने पिछड़े वर्ग की अनदेखी को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि संवैधानिक मंशा के अनुरूप पूर्ववर्ती सरकार ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 में अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण का प्रावधान जनसंख्या के अनुपात में किया। साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग को अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों को दिए जाने वाले आरक्षण के बाद कुल 75 प्रतिशत में से जितना प्रतिशत बच रहा है उस पर पूरा शत प्रतिशत आरक्षण दिया। विष्णुदेव साय सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय में बहु संख्यक पिछड़ा वर्ग को अनदेखी की है। पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देना होगा।

इस दौरान विधायक विक्रम मंडावी, सर्व आदिवासी समाज के जग्गूराम तेलामी, सीताराम मांझी, लच्छू मोड़ियम सहित पिछड़ा वर्ग समाज के लोग मौजूद थे।

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