*हीरे और सोने खनन का ठेका, विदेशी और बाहरी कंपनी को दिए जाने का जोगी कांग्रेस ने किया विरोध,,,, टेंडर निरस्त करने सरकार को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम, नहीं तो जोगी कांग्रेस करेगी जनांदोलन,,,,, पहले हम लड़े थे राज्य बनाने के लिए, अब लड़ेंगे राज्य बचाने के लिए – अमित जोगी*,,,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*हीरे और सोने खनन का ठेका, विदेशी और बाहरी कंपनी को दिए जाने का जोगी कांग्रेस ने किया विरोध,,,,
टेंडर निरस्त करने सरकार को दिया तीन दिन का अल्टीमेटम, नहीं तो जोगी कांग्रेस करेगी जनांदोलन,,,,,
पहले हम लड़े थे राज्य बनाने के लिए, अब लड़ेंगे राज्य बचाने के लिए – अमित जोगी*,,,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

रायपुर:::::::::::::: दिनांक 25 जुलाई 2023 जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने आज सागौन बंगला सिविल लाईन, कटोरा तालाब, रायपुर, छत्तीसगढ़ में दोपहर छत्तीसगढ़ की अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत हीरा और सोना के खदानों का ठेका विदेशी और बाहरी कंपनी को दिए जाने के संबंध में टेंडर जारी करने के संदर्भ में सरकार पर आरोप लगाते हुए प्रेस वार्ता लिया।

इस दौरान पत्रकारों और संवादाताओं को संबोधित करते हुए अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 3000 हेक्टेयर में फैले बसना हीरा खदान तथा महासमुंद और कांकेर में दो सोना खदानों के लिए 6 जुलाई को निकाले गए ई-टेंडर के गलत फैसले के विरोध में सरकार को चेतावनी एवं जन आंदोलन की घोषणा किया।

उन्होंने कहा पूर्व में अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री दिग्विजय सिंह ने छत्तीसगढ़ प्रदेश की धन संपदा (हीरा और सोना खदानों) को बाहरी हाथों में देने का फैसला लिया था जिसका उस समय हमारे आदर्श और पार्टी के संस्थापक स्व. अजीत जोगी जी ने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए भी पुरजोर विरोध किया था।

छत्तीसगढ़ के पृथक राज्य बनने के बाद वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में स्व. अजीत जोगी ने इस पूरे करार को रद्द कर दिया था। तब से लेकर कुछ दिनों पहले तक यह विषय न्यायालय में विचाराधीन था, लेकिन राज्य को लूटने की जल्दबाजी में वर्तमान राज्य सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर ये टेंडर निकाला है।

पिछले 4.5 वर्षो में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल • और उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और अब अपने कार्यकाल के अंतिम 3 महीनों में भी यह सरकार छत्तीसगढ़ का हीरा और सोना भी लूट कर ले जाना चाहती है। आख़िर इतनी हड़बड़ाहट और जल्दबाजी क्यूँ ? उन्होंने कहा CAG रिपोर्ट खनन विभाग की नाकामी – कुछ दिनों पहले विधानसभा में अवैध खनन पर CAG की आई रिपोर्ट में ये साफ़ हो चुका है कि किस प्रकार प्रदेश के संसाधन लुटाए जा रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए निर्धारित उपायों का पालन नहीं किया गया है।खदान पट्टों के व्यापक डेटाबेस का अभाव होने के साथ खदान पट्टा क्षेत्र के सीमांकन को इंगित करने के लिए सीमा स्तंभ/ सीमा चिह्न भी गायब हैं, इस वजह से स्वीकृत पट्टा क्षेत्रों से इतर की खनन गतिविधियों की पहचान नहीं हो पाई।

खनिजों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए स्थापित चेक पोस्टों की संख्या अपर्याप्त पाई गई है और स्थापित चेक पोस्ट भी वेटब्रिज (तौल कांटे) की सुविधा से लैस नहीं हैं।

अमित जोगी ने कहा क्या ये सब BST के लिए किया जा रहा है? साथ ही, यह भी देखा गया कि Environmental Clearance (ईसी) और खदान योजनाओं की शर्तों के अनुसार पट्टा क्षेत्र के आसपास (40 मामलों में) कोई वृक्षारोपण नहीं किया गया है। District Mineral Foundation Trusts (DMFTS) में भी भारी अनियमितता पाई गई है।

*सुझाव एवं चेतावनी,,,,,,,,,,,,,

अमित जोगी ने कहा हम, छत्तीसगढ़ महतारी के बेटे, स्वर्गीय जोगी जी के बताए मार्ग पर चलने वाले लोग ये स्पष्ठ कर देना चाहते हैं कि हम छत्तीसगढ़ का हीरा और सोना प्रदेश से बाहर नहीं ले जाने देंगे।

यदि सरकार को प्रदेश में हीरे और सोने का खनन करना ही है तो यह कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के किसी उपक्रम द्वारा छत्तीसगढ़ के लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए किये जाना चाहिए न कि किसी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा सरकार को छत्तीसगढ़ की धरती का दोहन करने का लाइसेंस देने वाले इस टैंडर को तत्काल रद्द करना होगा अन्यथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) हमारे प्रदेश की अस्मिता को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को विवश होगी जिसकी पूरी जवाबदारी राज्य सरकार की होगी।

जेसीसी-जे किसी भी कीमत पर छत्तीसगढ़ का हीरा और सोना बाहरी व्यक्तियों को छत्तीसगढ़ से बाहर नहीं ले जाने देगी।

हम सरकार को आज से तीन दिनों का समय देते हैं, मतलब 28 जुलाई तक का, अगर सरकार इस फैसले को अगले तीन दिनों के अंदर वापस नहीं लेती है तो राज्य में ऐसा आंदोलन होगा जैसा कोई सोच भी नहीं सकता । पहले हम लड़े थे राज्य बनाने के लिए, अब लड़ेंगे राज्य बचाने के लिए।

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