*भोपालपटनम में भारत रत्न बाबासाहेब आंबेडकर जी का 132 वां जयंती मनाया गया*,,,,
,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,
भोपालपटनम,,,,,,,,, गोटाईगुड़ा बीटीआई चौक में स्थित भारत के संविधान के शिल्पकार एवं महान समाज सुधारक भारत रत्न डॉ बाबासाहेब अंबेडकर जी के 132 वां जयंती मनाया गया। इस अवसर पर बी टी आई चौक में एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि वसंतराव ताटी कृषक कल्याण सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य भोपालपटनम को बनाया गया। विशिष्ट अतिथि मिर्जा खान खंड स्रोत समन्वयक भोपालपटनम एवम डी आर बंजारी (पी एच ई) एवं सुनील कुमार गुरला जनपद पंचायत सदस्य तीमेड व फास्टर सुधाकर एनला को बनाया गया। कार्यक्रम में आयोजन समिति के प्रमुख चेताल समैया दीपेश इनला एवं समिति के सदस्यों के द्वारा अतिथियों का स्वागत फूल माला डालकर किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथियों के द्वारा भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर जी के प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया गया।और दीप प्रज्ज्वलित कर एवम श्रीफल फोड़कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डी आर बंजारे ने कहा है। कि बाबा साहेब अंबेडकर एक महान दार्शनिक एवं शिक्षाविद थे। वे कई उपाधियों से सम्मानित थे। वे आजाद भारत के पहले कानून मंत्री थे। इसके पश्चात फास्टर सुधाकर इनला ने संबोधित करते हुए बाबासाहेब पर बनाए गए शेर और शायरियां सुनाएं और तेलुगु भाषा में अपना उद्बोधन सुनाएं और तेलुगु भाषा में सुन्दर गीत गा कर सुनाई। तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वसंतराव ताटी ने अपने उद्बोधन में बाबा साहेब अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा है। कि इस महापुरुष की प्रतिमा भोपालपटनम और ग्राम मद्देड में स्थापित करने का आपबीती सुनाई ।तत्कालीन सेवानिवृत्त डॉ बनसोडे के पहल पर बाबासाहेब अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापना को लेकर दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर श्री पिस्दा जी के सामने प्रस्ताव रखा गया था। कलेक्टर साहब से चर्चा करने के बाद हमारी इस पहल पर विचार कर बाबा साहेब की प्रतिमा स्थापना हेतु जगह का निरीक्षण करने के लिए कहा गया। जिसमें स्थानीय स्तर पर चेताल समैया एवं सभी सहयोगीयो के प्रयास के कारण बी टी आई चौक और ग्राम मद्देड में बाबासाहेब अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थापना की गई है। उन्होंने कहा है कि बाबा साहब अंबेडकर एक महान पुरुष और आजाद भारत के संविधान निर्माता और आजाद भारत का पहला कानून मंत्री भी थे। ।साथ ही वे एक महान शिक्षाविद थे ।उनको कई भाषाओं का ज्ञान था। वे समाज में व्याप्त कुरीतियों और अस्पृश्यता को दूर करने का अथक प्रयास किया । उनका तीन मूल मंत्र था।की शिक्षित बनो संगठित बनो और संघर्ष करो।।हम उनको याद कर उनके जीवन के आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए। जिससे समाज को एक नया दिशा मिलेगा। इसके लिए आज का युवा साथी आगे बढ़कर उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायत गोटाईगुडा के गणमान्य नागरिक एवं अधिकारी कर्मचारी महिलाएं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे ।कार्यक्रम के उपरांत मिठाई एवम शीतल पेय का वितरण किया गया ।इस कार्यक्रम का संचालन एटला श्रीनिवास के द्वारा किया गया है।