* आदिवासियों के लिए रोजगार, शिक्षा जरूरी हैं या नृत्य ?*,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,*
*पूर्व मंत्री केदार कश्यप व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम ने, प्रेस वार्ता कर भूपेश सरकार के आयोजन को, कटघरे में ला खड़ा किया है,,*
रायपुर::::::भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री व पूर्व मंत्री केदार कश्यप व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रेस वार्ता कर प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर चिंता जाहिर किया है। भाजपा नेताओं ने बताया कि पूरे प्रदेश के 32% आदिवासी आबादी कांग्रेस की इस ठगेश सरकार से नाराज है। विभिन्न जिलों के दर्जनों आदिवासी संगठनों ने राज्यपाल और जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपकर अपनी नाराजगी जताई है।
बीजेपी ने सवाल किया है कि भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार स्पष्ट करें आदिवासियों के लिए शिक्षा और नौकरी के अधिकार जरूरी है या नृत्य ? आदिवासी नृत्य महोत्सव के औचित्य पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है और उनके द्वारा इस नृत्य महोत्सव के बहिष्कार की भी घोषणा की गई है।
आदिवासी समाज की इस भारी नाराजगी को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी भी भूपेश बघेल की इस सरकार से सवाल पूछती है ।
प्रदेश का 32% आबादी वाला सम्पूर्ण आदिवासी समाज जब आदिवासी नृत्य महोत्सव का विरोध कर रहा है तब भूपेश बघेल यह नृत्य महोत्सव किसके लिए करवा रहे हैं?
आदिवासियों के 32% आरक्षण का संवैधानिक अधिकार इस सरकार की लापरवाही के कारण छीन लिया गया है तो फिर यह कांग्रेस सरकार क्यों आदिवासियों के नाम पर महोत्सव मनाकर हमारे जले में नमक छिड़क रही है?
बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के पांचवी अनुसूची वाले जिलों से स्थानीय भर्ती में 100% प्राथमिकता का अधिकार छीनकर क्या भूपेश बघेल खुशी मनाना चाहते हैं और इसीलिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं?
आदिवासी समाज अपने संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति के लिए लड़ाई लड़ रहा है और प्रदेश की यह आदिवासी विरोधी सरकार देश-विदेश से आदिवासियों को बुलाकर प्रदेश के आदिवासियों का अपमान क्यों कर रही है?
भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार स्पष्ट करें आदिवासियों के लिए शिक्षा और नौकरी के अधिकार जरूरी है या नृत्य ? वो नाच गाना दिखाकर बहलाने की कोशिश करेंगे , तुम अपने 32% की मांग पर अड़े रहना।