धान का कटोरा छत्तीसगढ के महासमुंद, जांजगीर और जशपुर में हीरा, 3 जिलों में सोना, लीथियम का भंडार भी
दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,
रायपुर:::::::, राष्ट्रीय स्तर के तीन संस्थानों की पिछले चार-पांच साल में किए गए 200 से ज्यादा सर्वे की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में अलग-अलग जगह हीरा, सोना, लीथियम और टिन समेत 10 से अधिक धातुओं के बड़े भंडार मिलने की पुष्टि हुई है। कीमती तथा उपयोगी खनिज के अलग-अलग जिलों में 108 ब्लॉक (स्थान) चिन्हित किए गए हैं।
इनमें से 53 ब्लॉक में चालू वित्तीय वर्ष (2022-23) में ही खनन के टेंडर या तो जारी कर दिए गए, या फिर होने वाले हैं। इनमें से 10 ब्लाॅक के लिए नोटिस इंवाइटिंग टेंडर (एनआईटी) भी जारी कर दिए गए। छत्तीसगढ़ के खनिज विभाग ने राज्य में खनिज की उपलब्धता और सरकार की नीतियों पर वर्कशॉप की थी। इसमें देशभर के निवेशक, विशेषज्ञ और वैज्ञानिक शामिल हुए।
वर्कशाॅप के दौरान बताया गया कि इस पड़ताल के मुताबिक छत्तीसगढ़ में हीरे के पुराने चिन्हित क्षेत्र गरियाबंद के अलावा महासमुंद, जशपुर और जांजगीर-चांपा में अलग-अलग जगह हीरे की मौजूदगी प्रमाणित हुई है। इसी तरह, सोने के बड़े-छोटे भंडारों का महासमुंद और जशपुर के अलावा कांकेर में भी पता चला है। सुकमा में लीथियम के भंडार की पुष्टि ने सरकारी तौर पर नई उम्मीद जगाई है, क्योंकि लीथियम का इस्तेमाल अभी मोबाइल तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बैटरियों में हो रहा है।
डायरेक्टर ऑफ जियोलॉजी एंड मांइनिंग छत्तीसगढ़ (डीजीएम) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मिले 108 में से कई में जल्दी खनन शुरू होगा, क्योंकि इनमें से 10 में नोटिस इन्वाइटिंग टेंडर (एनआईटी) जारी किया जा चुका है। ऐसे ब्लॉक जिसमें लेवल ऑफ एक्सप्लोरेशन जी-1, 2 और 3 केटेगरी में हैं, उनमें सीधे माइनिंग की अनुमति होती है। जी-4 केटेगरी में कंपनी पहले सर्वे करेगी, फिर उसके नतीजे पर खनन होगा। ऑक्शन में कंपनियां शासन को प्रीमियम जमा करती हैं। इसके बाद कंपनी माइनिंग कर खनिज बेच सकते हैं। पूरी प्रक्रिया ग्लोबल है।