*जन संवाद और आदिवासी विकास के लिए जाने जाएंगे कलेक्टर अनुराग पाण्डेय – जग्गू राम तेलामी*,,,,,,,,,,,,,,,,,,**दीपक मरकाम की रिपोर्ट *
*कलेक्टर पांडेय की विदाई में जुटे हजारों की संख्या में सामाजिक पदाधिकारी और नागरिकगण*
बीजापुर::::::::::::;;::::::::::::::::::::::: बहुत कम समय के कार्यकाल में जन संवाद और आदिवासी विकास को जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिए बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय हमेशा जाने जाएंगे उक्त बातें सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने कलेक्टर पाण्डेय के स्थानांतरण के बाद व्यापारी गण और सर्व समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही।
गुरुवार को ऐतिहासिक और भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया जिसमें जिले के कलेक्टर अनुराग पांडे को सर्व समाज, व्यापारी गण और आम नागरिकों द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह जिले के इतिहास में पहली बार आयोजित किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों ने एकजुट होकर कलेक्टर पांडे के प्रति अपना सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की गई। यह आयोजन उनकी असाधारण सेवाओं और जिले में उनके द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्यों के लिए उन्हें विदाई देने के लिए किया गया था।
*अभूतपूर्व कार्यों के लिए किया गया सम्मानित* :
कलेक्टर अनुराग पांडे के नेतृत्व में बीजापुर जिले में प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जो जिले के विकास और शांति स्थापना के लिए मील का पत्थर साबित हुए हैं। माओवादी हिंसा और गतिविधियों के कारण दो दशकों से बंद पड़े स्कूलों को पुनः संचालित करने का साहसिक कार्य, उनकी कार्यशैली और दूरदृष्टि का प्रमाण है। उनकी पहल से उन दुर्गम और माओवादी-प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण कराया गया, जहां पहले सिर्फ माओवादियों का दबदबा था। यह कदम न केवल जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा और प्रशासनिक पहुंच को भी मजबूती प्रदान की। कलेक्टर पांडेय ने बीजापुर में सैनिक स्कूल खोलने की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। उन्होंने इस संदर्भ में थल सेना अध्यक्ष को पत्र लिखकर जिले में सैनिक स्कूल की स्थापना की मांग की, जिससे जिले के युवाओं को उच्च स्तरीय सैनिक शिक्षा का अवसर मिल सके। इसी प्रकार, जिला मुख्यालय में बढ़ती ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए बहुप्रतीक्षित बाईपास मार्ग के निर्माण के लिए आ रही बाधाओं का निराकरण किया गया, जिससे शहर में यातायात व्यवस्था सुगम हो गई।
*एक भले अधिकारी, ये ज़मीं जिन्हें हमेशा याद रखेगी*
बीजापुर जैसे माओवादी-प्रभावित जिले को रेलवे लाइन से जोड़ने की पहल भी कलेक्टर अनुराग पांडे की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने इस योजना को स्वीकृति प्रदान की, जो जिले के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। रेलवे लाइन से जुड़ने के बाद जिले में व्यापार और आवागमन में वृद्धि होगी, जिससे बीजापुर के निवासियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
शिक्षा के क्षेत्र में कलेक्टर अनुराग पांडेय के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आश्रम, छात्रावासों और नवोदय विद्यालय में छात्रों से मिलने आने वाले पालकों के लिए उचित व्यवस्थाएं कीं, जिससे छात्रों और उनके अभिभावकों को सुविधा मिली। इसके अतिरिक्त, उन्होंने जिले के 80 युवाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देकर सोशल इनफ्लूएंसर बनाया, ताकि स्वरोजगार को बढ़ावा मिले और मोबाइल तथा इंटरनेट का राष्ट्रहित व मानव कल्याण में इस्तेमाल किया जा सके।
उन्होंने जिले के टॉप करने वाले 100 बच्चों को हवाई जहाज से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर भेजकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कराई, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा और उन्हें राज्य के नेतृत्व से प्रेरणा मिली। इसके साथ ही, जिले के 1000 युवाओं को इच्छानुसार भ्रमण के लिए राशि देने के कार्य भी किए गए, जो युवाओं के सर्वांगीण विकास और उनके अनुभवों में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण थे।
*समाज के सभी वर्गों ने की सराहना*
कलेक्टर अनुराग पांडे की इन सेवाओं और उपलब्धियों के लिए सर्व समाज, आम नागरिकों, और व्यापारी वर्ग ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया। बीजापुर के विधायक विक्रम मंडावी ने भी मंच से उन्हें सम्मानित करते हुए कहा, “अनुराग पांडे ने अपने कार्यकाल में जिस लगन और समर्पण से जिले की सेवा की है, वह सभी के लिए प्रेरणादायक है। उनकी विदाई से हमें दुख हो रहा है, लेकिन हम उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”
कुटरू पंचायत के सरपंच कुंवर सिंह मज्जी ने कलेक्टर पांडे के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए ठोस कदमों की सराहना करते कहा कि जिले के लिए ऐसे काम करने वाले कलेक्टर का नाम बीजापुर के इतिहास में हमेशा रौशन रहेगा ।
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष जग्गू राम तेलामी ने कहा कि आदिवासी समाज जाति और धर्म से परे जाकर अपने लोगों की चिंता करता है। बहुत कम समय के कार्यकाल में जन संवाद और आदिवासी विकास को जमीनी स्तर पर पहुंचाने के लिए बीजापुर कलेक्टर अनुराग पाण्डेय हमेशा जाने जाएंगे।
समारोह के दौरान, अनेक नागरिकों और व्यापारियों ने भी कलेक्टर पांडे के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पांडे जी का कार्यकाल न केवल विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि उन्होंने समाज में आपसी सहयोग और समन्वय की भावना को भी प्रोत्साहित किया।
इस विदाई समारोह में जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारिक समूहों और नागरिक संस्थाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी ने एकजुट होकर अनुराग पांडे के प्रति सम्मान प्रकट किया और उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस आयोजन के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने अपने कला का प्रदर्शन किया और कलेक्टर के सम्मान में गीत और नृत्य प्रस्तुत किए गए
समारोह के अंत में, अनुराग पांडेय ने सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि मैं बीजापुर के सभी नागरिकों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे इस जिले की सेवा का अवसर दिया। आपके सहयोग और समर्थन के बिना यह सब संभव नहीं था। मेरा कार्यकाल 8 महीने में अभी 7 दिन बाकी है और जिले में आने वाले समय में बहुत से बदलाव आप को देखने को मिलेंगे। बीजापुर का कार्यकाल अविस्मरणीय रहेगा।
उनकी इस विदाई के मौके पर पूरे समारोह स्थल पर एक भावुक वातावरण था। हर किसी की आँखों में नमी और दिल में अनुराग पांडे के प्रति सम्मान और प्रेम साफ झलक रहा था।
अनुराग पांडे ने बीजापुर जिले को अलविदा कहा, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य और उनकी सेवाएं जिले के लोगों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी। उन्होंने जिले को न केवल विकास के मार्ग पर अग्रसर किया, बल्कि समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और सहयोग की भावना को भी मजबूत किया।
बीजापुर के नागरिकों ने उन्हें सफलतम कार्यकाल के लिए आभार व्यक्त करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे जहां भी जाएं, इसी तरह अपने कार्यों से सबका दिल जीतते रहें। इस विदाई समारोह में जिले के सर्व आदिवासी समाज, गोंड, मुरिया, महार, परधान, कुडुख उरांव, माता मराई महार, कंवर, तेलंगा, प्रगति शील ब्राह्मण समाज, व्यापारी संघ, उरांव समाज, मसीह सोसायटी, कुम्हार, क्षत्रिय मंच, सतनामी समाज, कलार समाज, प्रेस क्लब, हल्बा, दोरला, महार, धाकड़, यादव, जैन, पद्मशाली, मुस्लिम समाज, माहेश्वरी, भतरा सहित अन्य समाज के पदाधिकारी गण मौजूद थे।