*आदिवासी बच्चों को कुपोषण में डालकर ,विधायक और प्रशासन अपने पोषण में लीन ,आदिवासी बच्चों का निवाला कमीशन की भेंट चढ़ी*महेश गागड़ा,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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*आदिवासी बच्चों को कुपोषण में डालकर ,विधायक और प्रशासन अपने पोषण में लीन ,आदिवासी बच्चों का निवाला कमीशन की भेंट चढ़ी*महेश गागड़ा,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

बीजापुर :::::: जिले के स्कूल आश्रम छात्रावास में मध्यान्ह भोजन के लिए वितरण होने वाली खाद्य सामग्री गुणवत्ताहीन होने का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री गागड़ा ने विधायक कलेक्टर पर कमीशन का आरोप लगाया है।

पूर्व मंत्री गागड़ा ने प्रेस को जारी वक्तव्य में कहा है महीनों से जिले के गरीब आदिवासी बच्चों का निवाला कमीशन के भेंट चढ़ी है,बच्चों को कुपोषण में डालकर विधायक और प्रशासन स्वयं के पोषण में लगे हुए हैं।

वहीं गुणवत्ताहीन खाद्यान्न वितरण किए जाने का आरोप विधायक और सरकार पर लगाते हुए कहा है कि स्वसहायता समूह से उनका कार्य छीनकर रायपुर में बैठे ठेकेदारों को दिया गया उन्हें आदिवासी बच्चों की स्वास्थ्य का कोई चिंता नही है इसलिए गुणवत्ताहीन सामग्री जिले में सप्लाई कर रहे हैं, सामग्री का स्तर ऐसा है जानवर को भी न खिलाया जाए ऐसी खाद्यान्न को आदिवासी बच्चों के थाली में परोसा जा रहा है।

जिला प्रशासन कमीशन तक सिमट कर रह गई है इसलिए इस ओर कोई ध्यान नही है।

गागड़ा ने आगे कहा है कम से कम बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो प्रशासन अपनी जिम्मेदारी समझें,ऐसी परिस्थितियों में बस्तर कुपोषण से कैसी जीतेगी,गुणवत्ताहीन सामग्री वितरण करने वालों पर कार्यवाही करते हुए व्यवस्थाओं में सुधार लाने की बात गागड़ा ने कही है।

साथ ही महेश गागड़ा ने कहा है कि विधायक आदिवासी हितैषी की बात करते हैं लेकिन लगभग 970 संस्थाओं का 70000 बच्चों का निवाला पर डाका डाल रहे हैं।

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