*डेढ़ लाख शिक्षक सरकार के पेंशन निर्णय से सांसत में*
*पूर्ण पेंशन के बदले आंशिक पेंशन मिलना होगा दूभर*
*सेवानिवृत्ति पर राज्यांश राशि करेंगे जमा पर प्रथम नियुक्ति से पेंशन हेतु सेवा गणना का आदेश करें शासन*
*एल बी संवर्ग का संविलियन 2018 से NPS कटौती 2012 से, पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा की पात्रता प्रथम नियुक्ति से*
*पेंशन हेतु 10 वर्ष की सेवा के कारण एल बी संवर्ग के शिक्षकों को सेवानिवृत्त होने पर नही मिल रहा OPS का लाभ*
*मोहला मानपुर अ.चौकी*:– छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन मोहला मानपुर अ.चौकी के जिलाध्यक्ष श्रीहरी ने कैबिनेट के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति पर राज्यांश राशि जमा करेंगे पर प्रथम नियुक्ति से पेंशन हेतु सेवा गणना का आदेश शासन को तत्काल करना चाहिए।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता,प्रदेश संगठन मंत्री बाबूलाल लाडे,प्रांतीय महिला प्रतिनिधि ललिता कन्नौजे,रमेश सोनी,भेषराम रावटे,राममणी द्विवेदी,रूपेंद्र नन्दे,सुधनसिंह कोरेटि,चेतन भुवार्य,रविंद्र रामटेके,हिमेश्वरी देवांगन,किशोर देवांगन,संजय देवांगन,दिवाकर बोरकर,कान्ता बंसोड़,सरोज साहू,दिलीप धनकर,जीवन नेताम,मीडिया प्रभारी अंगद सलामे ने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय में उल्लेख है कि एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा, इसे शासन को स्पस्ट करना चाहिए कि NPS कटौती बंद होने के बाद भी प्रान खाता एक्टिव रहेगा व NPS में जमा राशि NPS पेंशन नियमों के तहत देय होगा।
पर कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी, इस निर्णय में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि शासन का अंशदान भी कर्मचारी के प्रान नम्बर पर ही जमा है अतः उक्त राशि भी एनपीएस नियमों के तहत देय होगा जबकि NPS व PFRDA का नियम सेवानिवृत्त या निधन की स्थिति में ही भुगतान करने का है।
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा और जिला अध्यक्ष श्रीहरी ने कहा है कि कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे थे क्योंकि इससे रिटायर होने पर अंतिम माह के वेतन के 50% के बराबर राशि प्रतिमाह पेंशन में मिलता है, अब शासन यह स्पष्ट करे कि उन्हें सेवानिवृत्त होने पर 50% मासिक वेतन राशि पेंशन में मिलेगी, तब उनसे एफिडेविट लेने की बात करे।
वर्तमान में शपथ पत्र मांगने का आशय ही कर्मचारियों के देयक पर भ्रम पैदा करता है, सेवानिवृति या निधन की स्थिति में NPS / PFRDA नियम के तहत 60 % राशि प्राप्त होने पर राज्य शासन का अंशदान व उस पर अर्जित लाभांश राशि शासन के खाते में जमा करने से कर्मचारियों का पेंशन प्रारंभ होगा यह शासन नियम बनावें, इसके लिए शपथ पत्र लेने की आवश्यकता ही नही है।
शासन को यह PFRDA से यह जानकारी लेकर स्पस्ट करना चाहिए कि प्रान नम्बर में अप्रैल 2022 के बाद राशि जमा नही होने से प्रान खाता एक्टिव रहेगा कि डीएक्टिव हो जाएगा। क्योंकि सेवानिवृत्त होने पर ही प्रान खाते से राशि आहरण कर ही राज्यांश राशि शासन के खाते में कर्मचारी जमा कर पाएंगे।
1 नवम्बर 2012 के पूर्व नियुक्त शिक्षको का एनपीएस कटौती नही हुआ है ऐसे में 1998 से 2012 के बीच सेवा प्रारम्भ किये सवा लाख शिक्षको के विषय मे भी सरकार ने सकारात्मक निर्देश नही दिया है, शिक्षको के मामले में यह भी स्पष्ट नही है कि एनपीएस कटौती 2012 से पुरानी पेंशन लागू की जाएगी।
छत्तीसगढ़ शासन ने अब तक पूर्ण पेंशन हेतु 20 वर्ष की सेवा अवधि का आदेश जारी नही किया है, जबकि केंद्र शासन, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड में 20 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन का प्रावधान है।
छत्तीसगढ़ में प्रथम नियुक्ति अवधि से पुरानी पेंशन देने का रास्ता निकाले सरकार यही समस्त शिक्षक वर्ग चाहते है, बहुत से शिक्षक संवर्ग 2027 तक सेवानिवृत हो जाएंगे जिनकी सेवा 2018 से 10 वर्ष भी नही होगी, उनके लिए पूर्व सेवा ही पेंशन का आधार है।
शिक्षक एल बी संवर्ग ही सबसे पीड़ित है और बिना चर्चा के लिए गए इस निर्णय से डेढ़ लाख शिक्षक सांसत में है, अब तो पूर्ण पेंशन मिलना तो दूर हजारो शिक्षको को आंशिक पेंशन भी मिलना मुश्किल होगा।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुरानी पेंशन लागू किया जिसका शिक्षकों व कर्मचारियों ने खुले मन से स्वागत किया, इसी बीच PFRDA ने NPS की राशि को वापसी नही करने का निर्णय लेते हुए कर्मचारियों के अधिकार को रोका, इससे PFRDA के प्रति कर्मचारियों में नाराजगी है।
प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्ण पेंशन निर्धारण के लिए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन लगातार प्रयास जारी रखेगा।