*बेशकीमती वृक्षों की अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है. वन माफियाओं पर कोई भय नहीं, बीना कोई रोक- टोक. वन माफियाओं के साथ ,आरक्षित वन परिक्षेत्र में भू माफिया भी सक्रिय हैं , सैकड़ों एकड़ जमीन आरक्षित वन परिक्षेत्र में कब्जा ,राजस्व विभाग भी इन रसूखदारों को अवैध पट्टा दे रहा है, वन विभाग के आला अधिकारी और कर्मचारी आंख पर पट्टी बाँध कर मूकदर्शक बने हैं *,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*
भोपालपटनम:- क्षेत्र में बेशकीमती वृक्षों की अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है ।
वन माफियाओं पर न कोई भय है, ना कोई रोक- टोक. वन माफियाओं के साथ ही आरक्षित वन परिक्षेत्र में भू माफिया भी सक्रिय हैं, जिन्होंने सैकड़ों एकड़ जमीन आरक्षित वन परिक्षेत्र में कब्जा कर खेती कर रहे हैं ।
राजस्व विभाग की मिली भगत से भी इन रसूखदारों को अवैध रूप से पट्टा दे रहा है ।
वन विभाग के आला अधिकारी और कर्मचारी आंख पर पट्टी बाँध कर मूकदर्शक बने हैं ।
बीजापुर जिले के अंतिम छोर में बसे भोपालपटनम तहसील में बफर जोन में वन माफियाओं और भू माफियाओं का बोल बाला है ।
वन माफियाओं ने सागौन की बेश कीमती वृक्षों को धड़ल्ले से काट कर अंतर्राज्यीय में बेच ने का गौरख धन्धा चल रहा हैं ।
इन माफियाओं का कार्य बिना रोक- टोक जारी है ।
आला अधिकारी मुख्यालय छोड़ जिला मुख्यालय में आशियाना में आराम फरमा रहे हैं ।
कर्मचारी अधिकारी के मुख्यालय से नदारत रहते अपने विभागीय कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं ।
एक समय बियाबान जंगल में इंसान का दिखना नामुमकिन था इतना घना था किन्तु अब जंगल में इंसान को दूर से देखा जा सकता है ।
सूत्रों से पता चला है कि वन माफियाओं और लकड़ी तस्करों के वन कर्मचारियों के साथ सांठगांठ है ।
इस अनैतिक कार्य में कुछ अन्य विभाग के अधिकारी भी अंतर्राज्यीय सीमा स्थित नाका से सागौन के चिरान , गोला , फारा पार करने का 40 से 50 हजार रुपये लेकर अन्य राज्य महाराष्ट्र और तेलंगाना पार कराते है ।
भोपाल पटनम ब्लॉक में वन माफियाओं के अलावा भू माफियाओं का भी बफर जोन में जबरदस्त दखल है ।
भोपालपटनम से लेकर 18 कि. मी. मट्टीमारका तक इन रसूखदारों ने अलग अलग जगह पर लगभग हजारों- लाखों छोटे- बड़े बेशकीमती वृक्षों को काटकर हजारों एकड़ जमीन पर कब्ज़ा कर पट्टा बना लिया है ।
सूत्रों से पता चला है कि राजस्व विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों से सांठगांठ कर अनैतिक रूप से फर्जी पट्टा प्राप्त कर लाखों का ऋण पा लिया है ।
बफर जोन में किसी को जमीन और पट्टा देना गैरकानूनी है ।
बफर जोन के अधिकारी और कर्मचारियों अपने मुख्यालय से नदारत रहना सबसे बड़ी गेरजिम्मेदारी इनकी उदासीनता के कारण इन वन माफियाओं और भू माफियाओं के हौसले बुलंद है ।
ताजा मामला छ. ग. शासन के विभाग योजना का नाम- राज्य टेम्पा योजना के अन्तर्गत, ए पी ओ वर्ष-2021-2022 , कार्य का नाम – लेंटाना उन्मूलन कार्य भोपालपटनम, कक्ष क्रमांक- आर एफ- 807,कक्ष का कुल रकबा- 302 . 200, कार्य योग्य रकबा- 100 . 00 हेक्ट., वन परिक्षेत्र – मद्देड़ बफर जोन जहाँ कार्य किया है ।
वन परिक्षेत्र मददेड़ बफर जोन में कार्य के नाम पर लीपापोती किया गया ।
कार्य के आसपास भू माफियाओं ने जमीन पर खड़े वृक्षों को काटकर खेती कर रहे हैं ।
नव परिक्षेत्र मददेड़ बफर जोन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने इसे नजर अंदाज कर नौकरी के नाम समय काट रहे हैं,उसी के आसपास एक वन विभाग के कर्मचारी ने भी कब्जा कर खेती कार्य कर रहा है ।
अगर इसी तरह वन माफियाओं और भू माफियाओं को बफर जोन के अधिकारी और कर्मचारी आंख पर पट्टी बाँध कर मूकदर्शक बने रहे तो बचा रहा जंगल भी तहस नहस हो जाएगा ।