*एक सरकारी कर्मचारी व एक पुलिस विभाग में तैनात सिपाही ने ,पत्रकारों दी गंदी गालियां,पत्रकार और पत्रकार संघ को ,गाली गलौज करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज* *जर खान की रिपोर्ट*

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*एक सरकारी कर्मचारी व एक पुलिस विभाग में तैनात सिपाही ने ,पत्रकारों दी गंदी गालियां,पत्रकार और पत्रकार संघ को ,गाली गलौज करने वाले के खिलाफ मामला दर्ज*

*जर खान की रिपोर्ट*

सुकमा:::: छत्तीसगढ़ प्रदेश मे अंतिम छोर सुकमा जिले के कोण्टा मे दो सरकारी कर्मचारियों ने पत्रकार संघ और पत्रकारो को जान से मारने की धमकी देने व गाली गलौज करने पर कोण्टा नगर के पत्रकार रोष व्यक्त करते हुए दोनो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई शुरू करने कि बात कही है।

दरअसल इतवार रात करीब साढ़े सात बजे कोण्टा के पत्रकार पवन कुमार के साथ वाद विवाद कि घटना हुई । इस दौरान दोनों शासकीय कर्मचारियों ने पत्रकार संघ और कुछ पत्रकारो के नाम लेकर गाली गलौज करने लगे, उस वक्त कोण्टा नगर के सैकड़ों लोग वहा पर मौजूद भी थे। वहा खड़े कई लोगों ने दोनों कर्मचारियों को समझाने कि कोशिश भी किया किंतु शराब के नशे मे नवपदस्थ डीआरजी जवान एम मुकेश एवं अनुविभागिय विभाग कोण्टा के कम्युटर आपरेटर ओलम निर्मल द्वारा पत्रकारिता जगत के तमाम पत्रकारो को अपनी भाषा शैली कि गालियो से नहीं बकस रहे थे।

पवन कुमार के साथ नवपदस्थ आरक्षक एम मुकेश ने आपने सर्विस रायफल से जान से मारने तक कि धमकी दे डाली। सरकार इनको बंदूक देती है ताकि असामाजिक तत्वों व नक्सलियों से लड़े नाकि ऐसे खुले आम किसी को भी मारने की धमकी दे।इससे साफ जाहिर होता की ये भविष्य में किस तरह से कार्य करेंगे। बात यही खत्म नहीं हुआ देर रात दो बार अलग अलग ठिकानो पर पत्रकार पवन कुमार के घर जाकर भी जान से मारने कि धमकी दिया गया हालांकि इस दौरान पुलिस को इसकी सूचना भी दी। दूसरे दिन पत्रकारो ने बैठक रखकर दोनों शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ एफ़आईआर करवाने थाना पहुंचे, जहाँ कोण्टा थाना प्रभारी को आपबीती बताते हुय घटना क्रम से अवगत कराया और एफ़आईआर करने और कडी कार्यवाही करने कि मांग किया।

दोनों सरकारी कर्मचारी द्वारा पत्रकार के साथ और पत्रकार संघ के नाम के साथ किए गए दुर्व्यवहार के मामले को लेकर विभिन्न पत्रकार संगठनों ने निंदा की है। संगठनों ने साफ तौर पर कहा है कि यदि दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति के गठन के बाद सरकार छत्तीसगढ़ के हर एक जिले में जोखिम प्रबंधन इकाई का गठन करने कि बाते वादे हुयी, जिसमे जोखिम इकाई के सदस्य जिले के कलक्टर, जिला जनसम्पर्क अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और दो पत्रकार भी होंगे लेकिन पत्रकार की पत्रकारिता और कलम पर जिस तरह से पुलिस कर्मचारी और अनुविभागिय विभाग के कर्मचारी ने गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दे डाली, पत्रकारो कि एकता थाने पहुंचकर FIR कर कार्यवाही की मांग के बाद भी जोखिम ईकाई लपता है । ऐसे मे कैसे माने कि छत्तीसगढ़ में भुपेश बघेल कि सरकार पत्रकारो के साथ पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की दिशा में बढ़ने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनेगा ।

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