सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा शुरू , माओवादियों के मांद से पदयात्रा , सीपीआई को पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी,,,,,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,

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सिलगेर से सुकमा तक पदयात्रा शुरू, माओवादियों के मांद से पदयात्रा, सीपीआई को पदयात्रा के लिए अनुमति नहीं दी,,,,,,,,, दीपक मरकाम की रिपोर्ट,,,,,,

सुकमा :::::::: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर से भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की पदयात्रा मंगलवार को शुरू हो गई है।

बुधवार पदयात्रा का दूसरा दिन है।

करीब 100 किमी की यह पदयात्रा 7 दिनों में सुकमा पहुंचेगी।

बताया जा रहा है कि, प्रशासन ने इस पदयात्रा को अनुमति नहीं दी है, बावजूद भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने अपनी पदयात्रा की शुरुआत मंगलवार से कर दी है।

सीपीआई की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा भी पदयात्रा में शामिल हुईं हैं।

उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि, छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है।

दरअसल, पूर्व विधायक और आदिवासी महासभा के संभागीय संयोजक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में इस पदयात्रा की शुरुआत सिलगेर से हुई है।

पहले दिन करीब सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए हैं।

अनुमान लगाया जा रहा है कि जैसे-जैसे यह पदयात्रा आगे बढेगी लोगों की भीड़ भी बढ़ती जाएगी।

सिलगेर गोली कांड में मारे गए ग्रामीणों को मुआवजा देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर पदयात्रा निकाली गई है।

बताया जा रहा है कि, यह पदयात्रा जगरगुंडा के रास्ते सुकमा पहुंचेगी।

फोर्स की गोली का शिकार हो रहे ग्रामीण- एनी राजा,,,

सीपीआई की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि, बस्तर में मानवाधिकारों का खुलेआम उलंघन हो रहा है।

आदिवासी फोर्स की गोलीबारी का शिकार हो रहे हैं।

आदिवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से पृथक कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि, राज्य और केंद्र के मानवाधिकार संगठन, कार्यकर्ताओं को यहां के हालात को खुद संज्ञान में लेना चाहिए।

कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले ढेरों वादे किए थे।
उन वादों को पूरा नहीं किया गया है।

बस्तर में जितने भी गोलीकांड हुए, उनमें न्यायिक जांच रिपेार्ट के आधार पर पीड़ितों को न्याय दिया जाना चाहिए।

इधर, मनीष कुंजाम ने कहा कि, आदिवासियों से पेसा कानून, आरक्षण, आदिवासी इलाकों में सुरक्षाबलों के कैंप हटाने, रोजगार देने, ग्राम सभा की प्रमुखता जैसे वादे किए थे, जिन्हें भूला दिया गया।

उन्हीं वादों को दोबारा याद दिलाने पदयात्रा कर रहे हैं।

हालांकि सरकार और प्रशासन अनुमति न देकर पदयात्रा को लेकर अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर चुकी है। बावजूद पदयात्रा आगे बढ़ता रहेगा और सुकमा पहुंचकर ही पदयात्रा संपन्न होगी।

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