छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग वाणिज्य एवं आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने गोण्डवाना समन्वय समिति बीजापुर के सामाजिक भवन का किया लोकार्पण,,,, ,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

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छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग वाणिज्य एवं आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने गोण्डवाना समन्वय समिति बीजापुर के सामाजिक भवन का किया लोकार्पण,,,,

,,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,

1 करोड़ की लागत से बने भवन में सीसी सड़क और बाउंड्रीवाल का भी दिया सौगात

हजारों की संख्या में जुटे आदिवासी समाज के लोग

आदिवासी समुदाय के सभी देवी-देवताओं का हुआ पूजा-पाठ

बीजापुर,,,,,,,,,,, छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य कर उद्योग एवं आबकारी मंत्री तथा बीजापुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा बीजापुर जिले के दो दिवसीय प्रवास पर हैं। अपने प्रवास के प्रथम दिन गोण्डवाना समन्वय समिति बीजापुर के 1 करोड़ की लागत से बने सामाजिक भवन का लोकार्पण किया। लोकार्पण के दौरान आदिवासी समाज की मांग पर मुख्य सड़क से भवन तक सीसी सड़क एवं बाउंड्रीवाल की घोषणा की। इस दौरान जिले भर के हजारों आदिवासी ग्रामीण अपने देवी-देवताओं के साथ करसाड़़ में भाग लेकर विधिवत पूजा-पाठ किए वहीं मंत्री श्री कवासी लखमा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व सांसद श्री नंद कुमार साय ने भी देवी-देवताओं का पूजा-पाठ कर रेला एवं अन्य पारंपरिक नृत्य में शामिल होकर देवी-देवताओं की स्तुति की।
लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा जल-जंगल और जमीन के मालिक आदिवासी है और राज्य सरकार उनको मालिकाना हक देने के साथ-साथ सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। मंत्री श्री लखमा ने कहा कि आज पूरे बस्तर संभाग के आदिवासियों में खुशहाली का वातावरण है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुसार केवल बस्तर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ के आदिवासी, गरीब, किसान महिलाओं, युवा वर्गों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। किसानों से वाजिब दाम में धान खरीदी की जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अदान सहायता के रूप में प्रति एकड़ 9 हजार रूपए दी जा रही है। जिससे धान की पैदावार में बढ़ोतरी के फलस्वरूप अब 15 के बजाय 20 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित विभिन्न वर्गों के कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि होने से शासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। किसानों के अलावा भूमिहीन कृषि मजदूरों, गायता पेरमा, पुजारियों को प्रति वर्ष 7 हजार रूपए दी जा रही है। तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रतिमानक बोरा 4 हजार रूपए करने, वनोपज संग्राहकों एवं आदिवासियों में खुशी की लहर है। यहां तक की बीजापुर जिले के तेदूपत्ता संग्राहकों की मांग पर नगद भुगतान के लिए भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सहमति प्रदान की है। आदिवासियों के आस्था के प्रतीक देवगुड़ी, घोटुल मृतक स्तंभ का जीर्णाेद्धार करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे आदिवासी में खुशी की लहर है। आदिवासी संस्कृति के संरक्षण, संर्वधन एवं उनके विकास के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर नई योजनाएं लाई जा रही है ताकि आदिवासियों का सर्वागीण विकास हो सके, समाज मुख्यधारा से जुड़ सके। बीजापुर जिले में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात के दौरान जिन-जिन समाज के लोगों ने सामाजिक भवन की मांग की सबको भवन के लिए राशि उपलब्ध कराई गई, आदिवासी समाज के अलावा अन्य समाज का भी भवन निर्माण का कार्य प्रगति पर है। आदिवासी संस्कृति पर चिंतन-मनन, समाज को आगे बढ़ाने की दिशा में सामाजिक भवन का भी महत्वपूर्ण योगदान है। भवन में आवश्यक बैठक कर समाज को नई दिशा देने के लिए आसानी होगी और सामाजिक गतिविधियां संचालित करने में सहूलियत होगी।
पूर्व सांसद श्री नंद कुमार साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजापुर की सौन्दर्यता यहां ग्रामीणों की सरलता की खुले मन से प्रशंसा करते हुए कहा कि बीजापुर को और भी सुंदर बनाना है। विकास की गति को और तेज करना है। वहीं आदिवासियों की प्रगति एवं विकास, सामाजिक सुदृढ़ीकरण आर्थिक सुदृढ़ीकरण के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे।
उक्त कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक श्री विक्रम शाह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम, उपाध्यक्ष श्री कमलेश कारम, सदस्य श्रीमती नीना रावतिया उद्दे सहित हल्बा, दोरला, गोण्डवाना, सर्वआदिवासी समाज प्रमुखों ने भी अपना संक्षिप्त उद्बोधन देते हुए आदिवासी समाज को इस सौगात के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर राज्य युवा आयोग के सदस्य श्री प्रवीण डोंगरे, बीज निगम के सदस्य श्री इम्तियाज खान, जिला पंचायत सदस्य श्री सोमारू कश्यप, श्रीमती पार्वती कश्यप, जनपद अध्यक्ष श्रीमती बोधी ताती, उपाध्यक्ष श्री सोनू पोटाम सहित जनप्रतिनिधिगण, सामाजिक पदाधिकारीगण, आदिवासी जनसमुदाय जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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