*❇️*सहकारिता समिति कर्मचारी संघ द्वारा धान उपर्जन सुखद ,प्रशासनिक सुरक्षा,भंडारा व्यय की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर जारी धरना को मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के नेता नवनीत चांद का मिला समर्थन -भरत कश्यप*
,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,,,,,
**धान खरीदी,बोनस के नाम सत्ता में आई कांग्रेस सरकार, क्षेत्रीय विधायकों,विभागीय जिमेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण , धान खरीदी केंद्रों में तैनात कार्यरत लैंप्स संचालकों का हो शोषण बर्दाश्त नहीं -नवनीत चांद*
**बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बस्तर अध्यक्ष नवनीत चांद के नेतृत्व में बस्तर संभागीय सहकारिता समिति के अंतर्गत लेंस संचालक के पदों पर कार्यरत कर्मचारी संगठनों के द्वारा लेंस में भंडारित धान में आने वाले सुखद के नुकसान की भरपाई हेतु निर्धारित दर में वृद्धि की मांग प्रशासनिक सुरक्षा भंडारण निधि में एवं लेंस कमीशन में वृद्धि की मांग को लेकर जारी एकदिवसीय महा धरना मुक्ति मोर्चा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के जिला पदाधिकारियों द्वारा धरना स्थल में पहुंचकर संगठन के मांगों को न्याय उचित मान पार्टी संगठन के समर्थन का ऐलान की घोषणा किया गया। सहकारिता समिति केंद्र संचालक पदों पर कार्यरत कर्मचारियों द्वारा धान उपार्जन भंडारण में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों व सरकारी नीतियों के तहत हो रहे शोषण के दर्द एवं पीड़ा को सुन बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद ने कहां की, जहां एक तरफ कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ एवं बस्तर में धान बोनस की बढ़ोतरी की घोषणा के साथ सत्ता में आई आज उस बड़ी योजना के अंतर्गत किसानों के बीच सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं को धान संग्रहण के तहत, किसानों तक पहुंचाने वाले लेंस संचालकों की जायज मांगों को अनसुना कर उनके हितों का अतिक्रमण कर शोषण करने में पूरी तरह अग्रसर है राज्य में 15 वर्ष सत्ता में रहने वाली भाजपा भी जो कि सहकारिता समिति के चुनाव में अधिकांश पदों पर जीत कर सहकारिता विभाग की कठिनाइयों से वाकिफ है। उसने भी कभी सहकारिता समिति के हितों में कोई कार्य नहीं किया है। यही कारण है। कि, छत्तीसगढ़ शासन के धान उपार्जन नीति के अंतर्गत कंडिका 15.9में धान उपार्जन केन्द्रों में संग्रहित धान के लिए सुखद नीति का निर्धारण नहीं किया गया, और ना 2006 और 2007 के बाद प्रशंगिक ,प्रशानिक भंडारण निधि में निधि में वृद्धि की गई है यह इस बात का उदाहरण है कि बस्तर के क्षेत्रीय विधायक विभागीय जिम्मेदार अधिकारी एवं राज्य सरकार की उदासीनता के कारण से धान उपार्जन केंद्रों में अपनी सेवा दे रहे हैं। लैंप्स संचालकों पर संग्रहित धान की उठाव में लेट – लतीफी के चलते सुखद के नाम पर भारी मात्रा में अर्थदंड लगा, एफ आई आर करवा , उनका शोषण किया जा रहा है। जो वास्तव में एक निंदनीय कृत्य है।बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे राज्य सरकार क्षेत्रीय विधायकों एवं जिम्मेदार विभाग से अपील करती है। कि ,सहकारिता समिति की जायज मांगों को तत्काल प्रभाव से मानकर बस्तर व छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में एक ऐतिहासिक फैसला करें, यदि बस्तर के एवं छत्तीसगढ़ के किसानों के धान के संग्रहण करता अर्थात लैंप्स संचालकों के जायज मांगों को पूरा नहीं किया गया तो, आगामी दिनों में सहकारिता समिति के साथ बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे भी सड़क की लड़ाई लड़ेगा, इस दौरान बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भरत कश्यप मुक्ति मोर्चा ,युवा विंग शहर अध्यक्ष किशन सरकार ,अजीत जोगी युवा मोर्चा संभागीय अध्यक्ष संतोष सिंह, सोशल मीडिया प्रभारी ओम मरकाम उपस्थित थे।*