*ईडी के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने का नैतिक अधिकारों को खो चुके हैं – भाजपा* *दीपक मरकाम की रिपोर्ट *

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*ईडी के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने का नैतिक अधिकारों को खो चुके हैं – भाजपा*
*दीपक मरकाम की रिपोर्ट *

*नगद, ज्वेलरी और भ्रष्टाचार के सारे सबूत मिलने के बाद भी कांग्रेस द्वारा अधिकारों की पैरवी छत्तीसगढ़ के इतिहास का काला अध्याय: जी वेंकट*

बीजापुर/छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के उपरांत प्रेस को संबोधित करते हुए प्रदेश कार्यसमिति के विशेष आमंत्रित सदस्य जी. वेंकट ने कहा कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का, किसानों का, आम जनता का, मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं को देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी से सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय है। बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह, व्यापारी, राजनेता और बिचौलिए जुड़े हैं और छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से ₹25 प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे हैं । प्रतिदिन दो से तीन करोड़ जबरन वसूली जा रहे हैं । इस प्रकार हजारों करोड़ों रुपए वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहा है।

ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए जी. वेंकट कहा कि ईडी ने करीब 4.5 करोड रुपए की बेहिसाब नगदी सोने के आभूषण साराफा और करीब 2 करोड रुपए मूल्य के अन्य कीमती सामान जप्त किए गए हैं।

आगे कहा कि भ्रष्टाचार करने के लिए बकायदा नियम बदले गए, कोयले को खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए e-permit की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संबोधित किया गया था ।अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से, किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने प्रेस नोट में दी है । दिनांक 15 जुलाई 2022 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरओं का रखरखाव नहीं किया गया था। अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रांसपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कहीं विवरण काली छोड़ दिया गया हैं। तलाशी एवं जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपए नगद बरामद किया गया। उसने स्वीकार किया है कि वह रोजाना एक-दो करोड़ की जबरन वसूली करता था।

जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री जी ईडी पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं उनके घर से 47 लाख की बेहिसाब नगदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए । जरा मुख्यमंत्री जी और सरकार बताएं अधिकारियों के पास इतने पैसे और सोना मिलने पर उन्हें आश्चर्य क्यों नहीं हुआ। प्रेस वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार, जिला महामंत्री सतेंद्र सिंह ठाकुर मौजूद रहे।

*भाजपा प्रेस वार्ता के माध्यम से कांग्रेस सरकार से सवाल पूछना चाहती है*

*ईडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया, जप्त की गई बेहिसाब राशि, आभूषण, नकटी की जानकारी आने के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी इस्तीफा कब देंगे।
* भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री जी क्या जनता से माफी मांगेंगे।
* क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं, व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है।
* अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक निलंबन की कार्रवाई क्यों नहीं हुई।
* जो लोग सरकारी पदों पर यह सरकार द्वारा मनोनीत है और जिन पर जांच हुई है उनको तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नहीं गया।

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