*आवापल्ली बालिका पोटाकेबिन में आगजनी से पूर्णतः जल कर राख, एक मासूम बच्ची की दर्द नाक मौत, मैनेजमेंट के लिए जिला प्रशासन केन्द्र व राज्य से करोड़ों का बजट आता हैं,,,,,,,, अशोक तलांडी*,,,,,,,,,,,,,,,*तेज नारायण सिंह की रिपोर्ट*,,,,

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*आवापल्ली बालिका पोटाकेबिन में आगजनी से पूर्णतः जल कर राख, एक मासूम बच्ची की दर्द नाक मौत, मैनेजमेंट के लिए जिला प्रशासन केन्द्र व राज्य से करोड़ों का बजट आता हैं,,,,,,,, अशोक तलांडी*,,,,,,,,,,,,,,,*तेज नारायण सिंह की रिपोर्ट*,,,,

बीजापुर::::::::::::::::::::::
*सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार तलांडी के नेतृत्व में गोंडवाना समाज जिलाध्यक्ष नरेंद्र बुरका, हल्बा समाज प्रमुख गुज्जा राम पवार आदिवासी ब्लाक संरक्षक बी एस नागेश ,परधान समाज प्रमुख राम प्रसाद नक्का, दोरला समाज प्रमुख धुर्वा वीरैया, गोपाल, सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग चंद्रशेखर अगंमपली गोंड समाज सदस्य तलांडी संतोष महिला प्रभाग से लक्ष्मी ककेम चिल्का मोडियम सुशीला कोरम व अन्य समाज प्रमुखों द्वारा हाल ही में बीजापुर जिले के आवापल्ली बालिका पोटा केबिन में आगजनी से पूरा पोटा केबिन पूर्णतः जल कर राख हुआ है ।

जिसमें एक मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हुई ।

जिनके आत्मशांति के लिए समाज प्रमुखों द्वारा 2 मिनट मौन धारण भी किया गया ।

तदोपरांत समाज प्रमुखों द्वारा जांच किया गया प्रथम दृष्टया फोटा केबिन पूर्णतः जल कर राख हुआ जिसका मुआयना कर जहां एक बच्ची जल कर राख हुई थी।

उसके संदर्भ में समस्त जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों व मृतक बालिका के परिवार से रूबरू होकर चर्चा किया गया ।

जिसमें स्पष्ट है कि कहीं न कहीं हमारे लोग शिक्षा की ओर अग्रसर होकर शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं पर सरकार के नकामी वजह से बीजापुर जिले के अंतर्गत विभिन्न शासकीय आश्रम छात्रावासों पोटा केबिन में आये दिन घटनाएं घटित हो रही है ।

अशोक तलांडी ने सरकार को आड़े हाथों में लेकर चेतावनी दिया है कि इस प्रकार की लीपापोती लापरवाही नहीं चलेगी ।

जब राष्ट्रीय पार्टियां पक्ष विपक्ष रहते हैं तो केवल खाना पूर्ति के लिए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप मढ़ते है ।

हम आदिवासी बहुल क्षेत्र पांचवी अनुसूची छठवीं अनूसूची पेशा कानून वन अधिकार अधिनियम कानून के साथ यहां के जल जंगल जमीन परंपरा बोली भाषा के साथ साथ भारतीय संविधान को मानने वाले हैं कि कतई नहीं चाहते हैं जब कभी भी इस प्रकार के घटनाएं होते तो छोटे कर्मचारियों को स्थानांतरित व निलंबन किया जाता है।

जबकि मैनेजमेंट के लिए जिला प्रशासन को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा यहां सर्वांगीण विकास के लिए करोड़ों का बजट आता है ।

मै चाहता हूं कि सर्वांगीण शिक्षा के क्षेत्र में विगत 20 सालों से विभिन्न विभागों में जनहित में किस किस मद में आंबटित राशि का सार्वजनिक करें ।

समाज प्रमुखों के साथ समाज शासन प्रशासन से बैठक कर समन्वय स्थापित करना चाहते है।

कहें तो हमारे जानकारी के मुताबिक यह घटना हृदय विदारक है।

यह घटनाएं सरकार के नकामी को दर्शाता है ।

यहां के मूल निवासियों को अच्छे से अच्छा शिक्षा ग्रहण कराने के उद्देश्य से करोड़ों का बजट आता है ।

आज भी कई आश्रम छात्रावासों पोटा केबिनों में समस्याओं का अंबार है ।

समय समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं, शौचालय,चार दिवारी, भवनों का विशेष मरामत्त, विद्युत वायरिंग मूल भूत आवश्यकताओं की कमी है ।

तलांडी ने आगे कहा कि यह पोटा केबिन बच्चों को शिक्षा देने के उद्देश्य से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप निर्माण हुआ था ।

सरकारें आये गये लेकिन आज़ पर्यंत तक शिक्षा का मंदिर जैसे भवनों का निर्माण नहीं किया गया जिसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

सरकार से मांग है कि शिक्षा के क्षेत्र में जितने में खंण्डहर भवनें है यथा शीघ्र नये सिरे भवनों का निर्माण किया जाय ।

उक्त पोटा केबिन में अध्ययन रत छात्राओं का कई आवश्यक समान के साथ शैक्षणिक कागजात जल कर राख हो गया ।

शासन व जिला प्रशासन से मांग है कि यथा शीघ्र संस्था में शिविर आयोजित कर बच्चों का आवश्यक कागजात बनावें और संस्थाओं में संबंधित अधिकारी कर्मचारी नियमित रहें ।

अधिकांश जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों नदारद रहते हैं।

जिला प्रशासन के नियंत्रण के आभाव में ऐसे घटनाओं की वृद्धि हो रही है उक्तशाय के विभिन्न समस्याओं का रुढ़ि जन्य परम्परांगत प्रदेश नेतृत्व में शासन प्रशासन को ज्ञापन दिया जायेगा ।

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