* 75 सालों में बस्तर संभाग से 10 महिलाएं बनीं विधायक*,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

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* 75 सालों में बस्तर संभाग से 10 महिलाएं बनीं विधायक*,,,,,,,,,,,,,,,*दीपक मरकाम की रिपोर्ट*

बस्तर::::::::::बस्तर संभाग में पुरुषाें की तुलना में महिला आबादी और मतदाता संख्या अधिक होने के बाद भी राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की सक्रियता कम रही है और अवसर भी कम मिले हैं।

भौगोलिक क्षेत्रफल के मामले में केरल राज्य से बड़े आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में पुरुषाें की तुलना में महिला आबादी और मतदाता संख्या अधिक होने के बाद भी राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की सक्रियता कम रही है और अवसर भी कम मिले हैं। ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा शहरी अर्धकस्बाइ क्षेत्र की महिलाओं की राजनीति में सक्रियता अधिक है।

बीते 75 सालों बस्तर संभाग से 10 महिलाएं की विधायक बन सकी हैं। लोकसभा में बस्तर से महिलाओं का प्रतिनिधित्व शून्य रहा है। तीन साल पहले ही राज्यसभा में पहली बार बस्तर से कांग्रेस महिला नेत्री फूलोदेवी नेताम को सदस्य बनने का अवसर मिला है।

विधानसभा और संसद में बस्तर से महिलाओं के न्यूनतम प्रतिनिधित्व का एक कारण राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनमत अवसर प्रदान करना है।

अब जब संसद से महिला नारीशक्ति वंदन विधेयक पारित हो गया है, भविष्य में इसके कानून बनने के बाद महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में सीटें आरक्षित होंगी।

बस्तर संभाग को पहली महिला विधायक 1957 के विधानसभा चुनाव में कांकेर सीट से प्रतिभा देवी चुनी गई थी। दूसरी महिला विधायक मिलने में 20 साल का समय लग गया। केशकाल सीट से 1977 में मंगली झाडूराम रावटे विधायक बनी थी। इसके तीन साल बाद 1980 में भानुप्रपातपुर सीट से विधायक बनने वाली गंगा पोटाई का नंबर आता है।

वर्तमान में बस्तर संभाग से दो महिला विधायक दंतेवाड़ा से देवती कर्मा और भानुप्रपातपुर से सावित्री मंडावी हैं। दोनों को ही राजनीति विरासत में मिली है। देवती कर्मा के पति स्वर्गीय महेन्द्र कर्मा और सावित्री मंडावी पति स्वर्गीय मनोज मंडावी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री रह चुके थे। विधायक बनने वाली 10 महिलाओं में से दो को ही मंत्री बनने का अवसर मिला।

गंगा पोटाई अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस की अर्जुन सिंह सरकार में और लता उसेंडी छत्तीसगढ़ में डा रमन सिंह के मंत्रीमंडल में केबीनेट मंत्री थी। दोनों को ही दो बार मंत्री बनने का अवसर मिला। दो बार विधायक बनने वालों में लता उसेंडी, गंगा पोटाई, श्यामा ध्रुवा और देवती कर्मा शामिल हैं।

*कब कौन महिला बनी विधायक,,,,,,
01- 1957- प्रतिभा देवी कांकेर।
02- 1977- मंगली झाडूराम रावटे केशकाल।
03- 1980- गंगा पोटाई भानुप्रपातपुर।
04- 1985- गंगा पोटाई भानुप्रपातपुर और श्यामाबाई ध्रुवा केशकाल।
05- 1998- श्यामा ध्रुवा कांकेर, प्रतिभा शाह चित्रकोट और फूलोदेवी नेताम केशकाल।
06- 2003- लता उसेंडी कोंडागांव।
07- 2008- सुमित्रा मस्कोले कांकेर और लता उसेंडी कोंडागांव।
08- 2013- देवती कर्मा दंतेवाड़ा।
09- 2019- देवती कर्मा उपचुनाव मेंं दंतेवाड़ा से।
10- 2022- सावित्री मंडावी भानुप्रपातपुर उपचुनाव

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