आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत भाजपा के संघर्ष की जीत। श्री तोड़ेम
,,,,,,,तेजनारायण सिंह की रिपोर्ट,,,,,
भोपालपटनम
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजाराम तोड़ेम पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता करते हुए सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवम बीजापुर विधानसभा भाजपा के पूर्व विधायक राजाराम तोडेम ने कहा है। कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत यह भाजपा के संघर्ष की जीत है ।आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का हम अभिनंदन करते हैं ।इस फैसले से ना केवल प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार के 58% आरक्षण का फैसला सही साबित हुआ है। बल्कि कांग्रेश जिस तरह इस मामले में दोहरी राजनीति करती रही। उसका भी पर्दाफाश हुआ है। भाजपा शासन काल में लागू आदिवासियों के 32% आरक्षण पर कांग्रेसियों द्वारा षड्यंत्र कर हाईकोर्ट में याचिका लगाकर अपास्त घोषित किए गए। आरक्षण संशोधन अधिनियम 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है। यह भाजपा की वैचारिक जीत है। अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को भी आज समझ लेना चाहिए कि वह संविधान से ऊपर नहीं है ।सही नियत से कानून बनाने पर क्या होता है यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से जाहिर हुआ है। अगर सच में आप की नीति सस्ती राजनीति से प्रेरित नहीं बल्कि वास्तव में वंचितों को न्याय दिलाने की होती है। तो सारे संवैधानिक प्रावधानों पर विचार विमर्श कर कानून बनाया जाता है। जैसा भाजपा सरकार ने बनाया था। आरक्षण के मामले में जब हाईकोर्ट में मामला था ।तभी भी कांग्रेस ने जानबूझकर केस को कमजोर किया कोर्ट में अपना पक्ष सही से नहीं रखा जिस कारण वह हाई कोर्ट में मुकदमा हार गई ।इस तरह कांग्रेस ने लगातार वंचित वर्गों से छल किया। कांग्रेश हमेशा ना केवल आरक्षण के खिलाफ रही है बल्कि वह इस पर केवल राजनीति करती रही है। 19 सितंबर 2022 को भूपेश सरकार के षड्यंत्र और लापरवाही के कारण हाईकोर्ट से अपास्त आरक्षण अधिनियम का प्रभाव नौकरियों सहित अन्य शिक्षा सुविधाओं पर ना हो इसके लिए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने शुरू से संघर्ष किया ।और भूपेश सरकार पर आंदोलन और पूरे प्रदेश में चक्का जाम कर दबाव बनाया गया है ।कि हाईकोर्ट से अपास्त घोषित आरक्षण पर न्याय केवल सुप्रीम कोर्ट भी दे सकता है ।परंतु भूपेश सरकार अपने हठ धर्मिता के कारण इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने से बचती रही। और तो और जब न्याय अन्य आदिवासी पक्षकार कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नोटिस जारी करवाएं तो भूपेश सरकार ने नोटिस का भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया ।कांग्रेस के बड़े वकील सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हर बार प्रकरण को आगे की तारीख लेते नजर आए। 19 अप्रैल 2022 को भाजपा अजजा मोर्चा द्वारा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरक्षण के मामले को उचित वैधानिक तरीके से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख कर राहत दिलाने की चेतावनी देते हुए कहा था ।कि राहत ना मिलने पर आ ज जा मोर्चा विभिन्न आदिवासी संगठनों के साथ रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान स्थल जय स्तंभ चौक पर आमरण अनशन करेंगे इस चेतावनी के बाद कुंभकरण की नींद में सोई भूपेश सरकार नींद से जागी और 25 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हीय रिंग का निवेदन किया जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते हुए 1 मई को भाजपा शासनकाल के 58% वाले आरक्षण अधिनियम को स्टे दे दिया। कांग्रेस सरकार अगर कोशिश करती तो सितंबर 2022 को ही यह निर्णय आ सकता था। पर आरक्षण के मामले पर कांग्रेस की नियत में खोट है। भाजपा का स्पष्ट मानना है कि जानबूझकर कांग्रेस सरकार आरक्षण का मुकदमा हारना चाहती थी। ताकि एक भी नौकरी नहीं दे पाने की अपनी विफलता पर वह पर्दा डाल सके। इस फैसले से कांग्रेस का नकाब उतर गया। उसका असली चेहरा एक बार और जनता के बीच आया ।भाजपा यह मांग करती है। कि अब ऐसी सभी बहानेबाजी को छोड़कर कांग्रेस सरकार जल्द से जल्द सभी खाली पदों पर पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए भर्तियां शुरू करें ।युवाओं के भविष्य से संबंधित ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर किसी भी तरह की हीलाह वाली अब भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी ।प्रदेश के युवा भी अब इसे सहन नहीं कर सकेंगे भाजपा ने छत्तीसगढ़ में 58% आरक्षण लागू किया ।और कांग्रेस ने उसे छीना फिर भाजपा ने पुनः संघर्ष कर सरकार के खिलाफ चक्का जाम धरना और हर संभव प्रयास करके आरक्षण लागू करवाया ।और छत्तीसगढ़ के लोगों को आरक्षण मिलता रहे माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत है। इस प्रेस वार्ता में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष वेंकटेश्वर यालम युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष गोविंद कुमरे सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष सुरेश यालाम कृष्णा राव कोरम बुधराम कोरम बंधम लक्ष्मीनारायण गणपत गोटा मंडल महामंत्री नरसिंह रेड्डी पी लक्ष्मी नारायण उपस्थित थे